GMCH STORIES

44 कवचित रेजिमेंट को थल सेनाध्यक्ष ने प्रदान किया निशान

( Read 13480 Times)

27 Feb 15
Share |
Print This Page
जोधपुर (देवीसिंह बडगूजर)। सूरतगढ में बुधवार का दिन सेना के लिए ऐतिहासिक दिन रहा जब जनरल दलबीर सिंह, थल सेना अध्यक्ष ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से 44 कवचित रेजिमेंट को एक भव्य सैनिक समारोह में ‘‘निशान’’ प्रदान किया। इसी दौरान राजचिन्ह की ओर से भारतीय सेना की उचतम परम्परा के अनुसार सैन्य बैंड की धुन पर समन्वय बनाते हुऐ शानदार व निर्मल माउन्टेड परेड का आयोजन किया गया।- गरजते हुए टैंकों की एक कतार ने रोमांचित दर्शकों के समक्ष आत्मविश्वास और सम्मान के साथ परेड की। समारोह के दौरान लेप्टिनेंट जनरल अरूण कुमार साहनी, जनरल आफिसर कमाडिंग-इन-चीफ, दक्षिण पश्चिम कमान, लेप्टिनेंट जनरल पीएम हारीज, जनरल आफिसर कमाडिंग, चेतक कोर तथा कई प्रतिष्ठित सैनिक एवं असैनिक अधिकारियों ने उपस्थित होकर कार्यऋम की शोभा को बढाया । मेजर जनरल गुरजीत सिंह चीमा, असिस्टैंट डायरेक्टर जनरल, हेडक्वार्टर एनसीसी पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ कर्नल ऑफ- 44 कवचित रेजिमेंट इस समारोह के मुख्य मेजबान थे।
ध्यान रहे कि रेजिमेंट के 15 दिसम्बर 1981 को स्थापना होने के उपरान्त किए गए उत्कृष्ट, साहसिक व सराहनीय कार्यो के लिए इसे इस सम्मान से अलंकृत किया गया। 44 कवचित रेजिमेंट आर्मड कोर की एक अग्रणी यूनिट है जिसने अपनी स्थापना के उपरान्त भारतीय सेना के अधिकांश ऑपरेशनों में भाग लिया है। रेजिमेंट के बहादुर सैनिकों के शांति और ऑपरेशन के दौरान दोनों परिस्थितियो में कठिन परिश्रम व बलिदान के फलस्वरूप इसे दो विशिष्ट सेवा मेडल, एक उत्तम जीवन रक्षक पदक,- 22 सेनाध्यक्ष प्रशंसा पत्र, छह उपसेनाध्यक्ष प्रशंसा पत्र, 2॰ जनरल आफिसर कमाडिंग-इन-चीफ- प्रशंसा पत्र और एक संयुक्त राष्ट्रबल कमाण्डर प्रशंसा पत्र से नवाजा गया है। इस परेड का नेतृत्व कर्नल अर्जुन उप्पल, कमाण्डेंट 44 कवचित रेजिमेंट ने स्फूर्ति के साथ किया। इस ऐतिहासिक अध्याय को रेजिमेंट के इतिहास में जोडने के लिए के लिए थल सेना अध्यक्ष ने ’’विशेष दिवस आवरण’’ जारी किया।
This Article/News is also avaliable in following categories : Jodhpur News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like