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भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र का केंद्रीय घटक होना चाहिए

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17 Nov 17
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वाशिंगटन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हिन्दप्रशांत शब्दावली का समर्थन करते हुए एक शीर्ष अमेरिकी रणनीतिकार ने कहा है कि भारत को अमेरिका की एशिया-प्रशांत क्षेत्र रणनीति का केंद्रीय हिस्सा होना चाहिए।अमेरिका सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में वृहद भारत-अमेरिकी सहयोग की हिमायत कर रहा है। इस क्षेत्र में चीन अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है।अमेरिका-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग के आयुक्त जोनाथन एन. स्टिवर्स ने चीन की एक क्षेत्र एक सड़क (ओबीओआर) रणनीति पर कार्वाईं के दौरान कांग्रेस की कमेटी से कहा कि भारत को एशिया-प्रशांत रणनीति का मुख्य हिस्सा बनना चाहिए। स्टिवर्स ने कहा, भारत हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करता है और खासकर क्षेत्र में चीन की नीतियों के बारे में, हमारे सामरिक हित मेल खाते हैं। ट्रंप प्रशासन हिन्द-प्रशांत क्षेत्र शब्दावली के साथ सही दिशा में है और पिछले सप्ताह लोकतांत्रिक सहयोगियों जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ चतुष्पक्षीय वार्ता शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ते हुए अमेरिका को सुनिश्चित करना चाहिए कि चतुष्पक्षीय वार्ता में मजबूत आर्थिक घटक मौजूद रहे। यह क्षेत्र में चीन की प्रतिरोधी आर्थिक और राजनीतिक नीतियों से मुकाबले के लिए नीतियों पर चर्चा का अच्छा मंच है। स्टिवर्स ने कहा कि इसके साथ ही अमेरिका को एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) मंच में सदस्यता हासिल करने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक्ट ईंस्ट नीति का समर्थन करते हुए भारत की मदद करनी चाहिए। भारत को उसके घरेलू विकास की चुनौतियों से निपटने में सहयोग करना चाहिए।


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