देवीसिंह बडगूजर,जोधपुर। भारत ने हवा से हवा में मार करने वाली देश की पहली मिसाइल अस्त्र बना कर चीन को पछाडने की तैयारी कर ली है। अस्त्र मिसाइल अगले साल यानि कि 2016 में तैयार हो जाएगी और इसके साथ ही अपनी रक्षा प्रणाली का विस्तार करते हुए जल्द ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इस मिसाइल का अब तक फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई से नौ बार सफल परीक्षण किया जा चुका है, अगले महीने इसके कंट्रोल का परिक्षण किया जाएगा।
इन देशों के पास है यह मिसाइल
ध्यान रहे कि फिलवक्त हवा से हवा में मारे करने वाली मिसाइलें अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों के पास है। भारत करीब 10 साल से कॉम्पलेक्स बीवीआर (बियॉन्ड विजुअल रेंज) मिसाइल बनाने में लगा है। अस्त्र के 2016 तक तैयार होने के बाद भारत भी उन देशों में शामिल हो जाएगा।
44 से 60 किमी होगी इसकी रेंज
इस मिसाइल की रेंज करीब 44 से 60 किमी होगी। जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल के बाद अस्त्र अगले चरण की मिसाइल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्त्र-2 की रेंज 100 किमी होगी।
यह है खासियत
- अस्त्र मिसाइल को सुखोई 30 एमकेआई, मिराज 2000, जगुआर और हल्के लडाकू विमान तेजस में लगाया जाएगा।
- यह लक्ष्य को सुपरसोनिक गति से निशाना बना सकने में सक्षम। हर मौसम में दुश्मन के ठिकानों को भेद सकने में सक्षम है। 3.8 मीटर लंबी यह मिसाइल डीआरडीओ द्वारा विकसित मिसाइलों में सबसे छोटी है। 15 किमी की ऊंचाई से छोडे जाने पर 110 किलोमीटर तक पहुंच सकती है। आठ किमी की ऊंचाई से छोडे जाने पर 21 किलोमीटर और समुद्र की सतह से छोडे जाने पर 44 किलोमीटर तक पहुंच सकती है।