नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने गोमूत्र से निर्मित फर्श क्लीनर की पैरवी की है। उन्होंने मंत्रिपरिषद के सहयोगियों को पत्र लिखकर कहा कि इसका उपयोग सरकारी कार्यालयों में किया जाना चाहिए। क्योंकि फिनाइल पर्यावरण के लिहाज से हानिकारक है। महिला व बाल विकास मंत्री मेनका ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को पत्र लिखकर गोमूत्र निर्मित 'गोनाइल' के इस्तेमाल का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि यह पर्यावरण के अनुकूल है और केंद्रीय भंडार में गोनाइल का पर्याप्त स्टाक उपलब्ध है। इस महीने के शुरू में भेजे इस पत्र में मेनका ने लिखा कि मैं आपसे आग्रह करती हूं कि फिनाइल को गोनाइल से बदलें। फिलहाल, आपके मंत्रालय में फिनाइल का उपयोग हो रहा है। यह पर्यावरण के लिए हानिकारक है। दरअसल, फिनाइल सस्ता सफाई तरल पदार्थ है। इसका सरकारी कार्यालयों में फर्श व टॉयलेट की सफाई में व्यापक उपयोग होता है, जबकि गोनाइल को पर्यावरण के अनुकूल बताया जाता है। फिनाइल की तरह इसमें सिंथेटिक का प्रयोग नहीं होता।