डूंगरपुर, अडसठवें वन महोत्सव पर पूरे जिले में हुए सघन वृक्षारोपण से मानो इंद्र देवता भी प्रसन्न हो गए और पौधरोपण के समय हल्की फुहारों के साथ अपना आशीष बरसाया।
सोमवार को पूरे जिले में वन महोत्सव के तहत सघन वृक्षारोपण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिला स्तर पर ग्राम पंचायत बोरी के भण्डारिया घाटा में आयोजित वन महोत्सव में जिला प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी ने आमजन से अनुरोध किया कि वृक्ष ही हमें प्राणवायु देते है और वे हमारे जीवन का आधार है । इसलिए प्रत्येक व्यक्ति यह कृत संकल्प करें कि वह वृक्षारोपण कर उसका उचित रख रखाव कर अपने दायित्व का निर्वहन करें।
जिले प्रभारी मंत्री एवं गोपालन राज्यमंत्री देवासी ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की राजस्थान को हरा-भरा करने के सपने को साकार करने में समस्तजन की सक्रिय भागीदारी का भी आह्वान किया। उन्होेंने कहा कि शास्त्रों के अनुसार भी व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम तीन वृक्षों का पहला शिशु के पालने के रूप में, दूसरा भोजन पकाने के ईधन के रूप में एवं तीसरा अंतिम संस्कार के रूप में उपयोग करता हैं। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक दायित्व है कि वह कम से कम तीन वृक्षों का रोपण कर उसे बडा करे जिससे उसने जो प्रकृति से लिया है उसे वापस दे सकें।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी, विधायक डूंगरपुर देवेद्र कटारा, जिला प्रमुख माधवलाल वरहात, नगरपरिषद सभापति के.केे. गुप्ता, समाजसेवी वेलजी भाई, सरपंच बबली देवी, जिला कलेक्टर राजेन्द्र भट्ट, जिला पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टाक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामजीलाल चंदेल, उपवन संरक्षक डॉ. एस. सारठ बाबू, अतिरिक्त जिला कलेक्टर विनय पाठक, सीईओं परशुराम धानका, अधीक्षण अभियंता आर के अग्रवाल मंचासीन थे।
समारोह को संबोधित करते हुए डूंगरपुर विद्यायक देवेद्र कटारा ने पुरातन परम्पराओं में वृक्षों की महत्ता को बताते हुए जिले को पुनः हरा-भरा बनाने में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि वृक्ष हमारे लिए पूजनीय है और इनकी रक्षा करना हमारा दायित्व है क्योंकि इनसे हमें अनेक लाभ होते है।
कार्यक्रम में नगरपरिषद सभापति के के गुप्ता ने कहा कि पर्यावरण असंतुलन का प्रमुख कारण वृक्षों का कम होना है, प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह वृक्ष लगाए तथा आने वाली पीढि़यों को संतुलित पर्यावरण का उपहार प्रदान करें।
जिला प्रमुख माधवलाल वरहात ने वागड के वनाचंल की लीलवण परम्परा का वृक्षारोपण से जोडते हुए स्थानीय भाषा वागडी में वृक्ष एवं जल संरक्षण के बारें में विस्तारपूर्वक बताया। समारोह को संबोधित करते हुए समाजसेवी वेलजी भाई ने कहा कि वृक्षारोपण करने के साथ-साथ उसका संरक्षण करना भी जरूरी है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का परम्परागत तरीके से स्वागत किया गया। अधीक्षण अभियंता अग्रवाल ने स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान द्वितीय चरण एवं वृक्षारोपण की जानकारी दी। सहायक वन संरक्षक प्रशांत गर्ग ने वन महोत्सव एवं जिले में इसके तहत किए जाने वाले पौधारापेण कार्यक्रम की जानकारी दी। आभार प्रदर्शन क्षेत्रीय वन अधिकारी बद्रीलाल मीणा ने किया । कार्यक्रम का संचालन पूर्व मानद वन्य जीव प्रतिपालक वीरेन्द्र सिंह बेडसा ने किया।
दिलाया संकल्प:
जिला प्रभारी मंत्री देवासी इस अवसर पर उपस्थितजन को वृक्षारोपण करने तथा उनकी उचित देखभाल करते हुए संरक्षण करने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ उपस्थित ग्रामवासियों ने वृक्षारोपण एवं जल संरक्षण की शपथ ली।
नगरपरिषद नवाचारों कि की सराहना:
नगरपरिषद डूंगरपुर द्वारा शहर को हरियाला बनाने के लिए सभापति के के गुप्ता द्वारा किए जा रहे प्रयासो की सराहना की । उन्होंने नगरपरिषद द्वारा स्वच्छता, श्रमिक कार्ड, जल स्वावलम्बन, हेरिटेज, पर्यटन के क्षेत्र में किए गए नवाचारों के बाद अब डूंगरपुर में विदेशी तर्ज पर किए जा रहे वृक्षारोपण की भूरी-भूरी प्रशंसा की ।
वन्य जीवों का करें संरक्षण:
समारोह में डूंगरपुर विधायक देवेन्द्र कटारा ने कहा कि वनों के विनाश से वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास दिनों दिन खत्म होने के कगार पर है जिससे वन्य जीव बस्तियों की ओर रूख कर रहे है। उन्होंने कहा कि जितना अधिकार हमारा इस धरा पर है उतना ही वन्य जीवों का भी है ऐसे में वन्य जीव संरक्षण के लिए हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने होेंगे।
बच्चों को करें जागरूक:
समारोह में जिला प्रमुख माधवलाल वरहात ने जिले वृक्षारोपण के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने के लिए विद्यालयों में बच्चों को जागरूक करने, प्रत्येक विद्यार्थी द्वारा एक पौधारोपण करने तथा उसका उचित संरक्षण करने और उसे पर्यावरण शिक्षा से जोडने का सुझाव दिया।
नगरपरिषद लगायेगा पांच हजार पौधे:
समारोह में जानकारी देते हुए नगरपरिषद सभापति गुप्ता ने बताया कि नगरपरिषद डूंगरपुर द्वारा शहर में कुल पांच हजार वृक्षारोपण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमें से विदेशी तर्ज पर छः-सात फीट ऊंचाई के पंद्रह सौ वृक्ष लगाये जाएगे जिससे शहर को एक नया आकर्षण मिलेगा । उन्होंने बताया कि नगरपरिषद द्वारा उनकी पूर्ण देखभाल करते हुए उन्हें जीवित रखा जाएगा। उन्होेंने बताया कि पिछले वर्ष भी नगपरिषद द्वारा किए गए वृक्षारोपण के सभी वृक्ष वर्तमान में जीवित है।
एक पौधा लगाना पंद्रह लाख दान के बराबर:
कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए पूर्व मानद वन्य जीव प्रतिपालक वीरेन्द्र सिंह बेडसा ने भारतीय परम्पराओं और शास्त्रों के महत्व को बताने के साथ ही पादप वैज्ञानिक डॉ. एम. दास द्वारा प्रतिपादित तथ्य की जानकारी देते हुए बताया कि एक वृक्ष लगाने तथा उसके पचास वर्षो तक जीवित रहने पर पंद्रह लाख सित्तर हजार रूपये का आर्थिक लाभ प्रदान करता है जिसमें पांच लाख रूपया वायु प्रदुषण नियंत्रण, ढाई लाख रूपये का आक्सीजन, ढाई लाख रूपये की मिटटी उर्वरता एवं अपरदन की रोकथाम, तीन लाख रूपये जल का पुर्नचक्रण एवं नमी नियंत्रण तथा ढाई लाख पशु -पक्षी संरक्षण तथा बीस हजार रूपये जैव प्रोटीन उत्पादन एवं संवर्धन का लाभ प्रदान करता है।
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