डूंगरपुर, डूंगरपुर जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान द्वितीय चरण के अन्तर्गत स्वीकुत कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे है। अभियान के प्रथम चरण में मिली सफलता के बाद सदैव ही पानी की कमी से जुझते इस क्षेत्र के लोगों को इस अभियान ने जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया है।
पहाडी बसावट के कारण डूंगरपुर जिले के निवासियों के लिए पानी की कमी हमेशा से ही भयावह समस्या रही है। ऐसे में प्रदेश मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की पानी को बचाने की दुरदर्शी सोच से शुरू हुए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ने डूंगरपुर जिले के निवासियों में जल संरक्षण के प्रति एक जागरूकता पैदा कर दी है। प्रथम चरण की सफलता के बाद आमजन स्वस्फूर्त जल की उपयोगिता और भविष्य की जल त्रासदी को समझते हुए ‘गांव का पानी गांव में’ और ‘खेत का पानी खेत में’ रोकने के लिए तत्पर दिख रहा है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण में हो रहे कार्यो में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाएं, मीडियाकर्मी, आमजन, गांववासियों तथा अभियान से जुडा प्रत्येक व्यक्ति कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग दे रहा है।
छः हजार 481 कार्य हुए पूर्ण:
डूंगरपुर जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण में 10 ब्लॉक के 84 ग्राम पंचायतों के 184 गांवों में कुल 9421 कार्य स्वीकृत किए गए है जिसमें से 8233 कार्य शुरू करते हुए 6,481 कार्य युद्ध स्तर पर पूर्ण कर लिए गए है। इसी प्रकार अभियान के द्वितीय चरण में सम्मिलित निकाय क्षेत्रों में डूंगरपुर शहरी क्षेत्र में स्वीकृत 38 में से 28 कार्य पूर्ण कर लिए गए है तथा शेष प्रगतिरत है। जिला प्रशासन द्वारा शेष रहे कार्यो को पूर्ण करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे है।
लक्ष्य प्राप्ति के लिए हो रही है प्रभावी मॉनिटरिंग:
जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित तिथि तक पूर्ण लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे। इसके लिए जिला कलक्टर राजेन्द्र भट्ट द्वारा स्वयं मॉनिटरिंग करते हुए अधिकारियों को प्रत्येक साइट की डे-बाय-डे डेली रिपोर्ट प्रस्तुत करने, सोशल मीडिया के माध्यम से प्रत्येक दिवस की कार्य प्रगति की फोटो भेजने, अधिकारियों को प्रतिदिन फील्ड पर जाकर कार्य देखने तथा सायं को रिपोर्ट प्रस्तुत करने, प्रत्येक जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा पांच एमजेएसए साइटो का निरीक्षण कर गुणवत्ता की रिपोर्ट प्रस्तुत करने, तकनीकी समस्या आने पर विडियों कॉन्फें्रस के माध्यम से तत्काल समाधान करने जैसे कई प्रभावी कदम उठाए गए है ।
जन अभियान बनाने के लिए ये हुए प्रयास:
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान द्वितीय चरण को जन आंदोलन बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अनेकानेक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । इसके तहत जल सरंक्षण सप्ताह मनाने, जागरूकता रैलियां, जागरूकता रथ, चित्रकला प्रतियोगिता, कैप वितरण के साथ सबसे महत्वपूर्ण साप्ताहिक श्रमदान कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक गुरूवार को हर ब्लॉक में श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया गया है जिसमें जिला प्रशासन, जनप्रतिधिगण, गणमान्य नागरिक, मीडियाकर्मी, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामवासी पूर्ण जोश के साथ सम्मिलित हो रहे है ।
इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा जल प्रत्येक व्यक्ति कि लिए अतिआवश्यक है, यह बताते हुए स्वैच्छा से तन-मन-धन से सहयोग का आह्वान किया गया है जिसके लिए बैठकों एवं कार्याशालाओं का भी आयेाजन किया गया है और इसका व्यापक प्रभाव भी दिखाई दे रहा है लोग अपनी स्वैच्छा से यथासंभव सहयोग प्रदान करने के लिए आगे आकर सहभागिता निभा रहे है।
जिला प्रशासन द्वारा नवाचार करते हुए विशेष बैठक का आयोजन करते हुए सहकारी समितियों को भी जोडा गया है। जगह-जगह जल संरक्षण के लिए लगाए गए दानपात्रों में आमजन अपनी क्षमता और ईच्छानुरूप सहयोग राशि डाल रहे है। रागेला में आयोजित जल संरक्षण कार्यक्रम के दौरान द्वारा पहल करते हुए जिला प्रभारी मंत्री, राज्यमंत्री, राज्यसभा एवं लोकसभा सांसद, जिला प्रमुख, जिला कलक्टर, प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन, विभागीय कार्मिकों तथा अन्य जनप्रतिनिधिगणों द्वारा दानपात्र में सहयोग राशि डाली गई।
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