सांसद श्री पी.पी. चौधरी पानी में खतरनाक पदार्थों का मुद्दा सदन में उठाया
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02 Aug 15
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नई दिल्ली, पाली सांसद पी.पी.चौधरी ने लोकसभा में शुन्यकाल में देश में रेडी टू इट फूड, फास्टफूड, ड्रिंक्स, बोतल बंद पानी में खतरनाक पदार्थों की मानक स्तर से अधिक मात्रा के मुद्दे बडे जोर शोर से उठाते हुए कहा कि खाने-पीने की चीजों को लेकर आज भी बड़ा प्रश्न यही है कि जो खाद्य पदार्थ इन जाँचों की प्रक्रिया से अभी भी बचे हुए हैं, उन्हे खाने से हमारी सेहत पर पडने वाले प्रभाव की मात्रा क्या है ?
श्री चौधरी ने कहा कि जंक फूड स्वास्थ्य के लिए और विशेषकर बच्चों के लिए हानिकारक है, ऐसा सभी समझते है, परन्तु फास्टफूड के अलावा बाजार में बिस्कुट, जूस, नमकीन जैसे अनगिनत खाद्य पदार्थ हैं, जिन्हे खाते समय आज देश का नागरिक अपने आप को डरा हुआ महसूस कर रहा है।
श्री चौधरी ने बताया कि आज देश सरकार से जानना चाहता है कि किस प्रकार देश के नागरिकों की खाद्य पदार्थों के प्रति सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी? जबकि कई राज्यों में इन पदार्थों की जांच के लिए प्रयोगशालाएँ तक नही है और जहाँ है वे भी असक्षम है तथा अधिकतर राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय मानकों को पूरा नहीं करती है। सभी खाद्य पदार्थों की जांच को देश में एक ही ऐजेन्सी के भरोसे छोडा जाने पर भी प्रश्न उठता है? क्योकि इनके द्वारा मान्यता प्राप्त टेस्टिंग लेब खाद्य प्रदार्थों के लिए ही नहीं अपितु रबड, पैट्रोलियम, रसायनिक आदि के लिए कार्य करती है, तथा इनकी संख्या भी देशभर में नाम मात्र की है। इतनी कम लैबों पर देशभर की जाँचों का दबाव होने कारण गुणवत्ता पूर्ण परिणाम प्राप्त होने पर भी संदेह किया जा सकता है। यह भी देखने में आया है कि एक ही प्रदार्थ की अलग-अलग जाँच रिपोर्ट अलग-अलग बाते कहती है, जो कि पूर्णतयाः विरोधाभासी है।
श्री पी.पी.चौधरी ने यह भी बताया कि पुरानी सरकारों द्वारा की गई गलतियों के भरोसे देश की इतनी बडी आबादी के स्वास्थ्य सम्बन्धी विषय को यूहीं छोडा नही जा सकता। अब वक्त आ गया है कि देश में एक ऐसा ढांचा तैयार किया जाये कि कोई भी खाद्य पदार्थ शत-प्रतिशत शुद्ध होने पर ही बाजार में बिकने के लिए आये और अगर फिर भी भविष्य में उसमें कुछ अस्वास्थ्यजनक पदार्थ पाये जाये तो ना केवल कम्पनी पर भारी जुर्माना हो बल्कि आपराधिक केस भी दर्ज किया जाए।
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