GMCH STORIES

'दी टेमिंग ऑफ़ दी श्रेव' मुंबई में

( Read 9762 Times)

08 Dec 17
Share |
Print This Page
'दी टेमिंग ऑफ़ दी श्रेव' मुंबई में एक्टर देशिक वांसदिआ द्वारा शेक्सपियर के प्ले पर नाटक 'दी टेमिंग ऑफ़ दी श्रेव' मुंबई में

मुंबई। विलियम शेक्सपियर अंग्रेजी के सुप्रसिद्ध कवि,नाटककार और अभिनेता थे, जिनके नाटक पर लगभग सभी देशों में नाटक लोगों ने विभिन्न भाषाओं में मंचन किया है। अब मुंबई में जनवरी २०१८ में 'व्हाट्स इन ए नेम' थिएटर कंपनी के बैनर तले निर्मात्री कनुप्रिया का शेक्सपियर के नाटक पर अंग्रेजी में नाटक 'दी टेमिंग ऑफ़ दी श्रेव' की शुरुवात होगी।जिसके निर्देशक देशिक वांसदिआ है, जोकि नाटक में “श्रू” की मुख्य भूमिका निभाएँगे।इसमें आज के समाज में चल रहे पुरुष और महिलाओं के समान अधिकार के बारे में दिखाया गया है। इस नाटक की खासियत है कि इसमें लड़के लड़किओं का रोल करेंगी और लड़कियाँ लड़कों का रोल करेंगी।
अंग्रेजी नाटक 'दी टेमिंग ऑफ़ दी श्रेव' के एक्टर व निर्देशक देशिक वांसदिआ (नवसारी) गुजरात के रहनेवाले है। अमेरिका के 'स्टेल्ला एडलर' एक्टिंग स्टूडियो से तीन साल एक्टिंग सीखा है और वही से शेक्सपियर एंड कंपनी से दो साल ट्रेनिंग लिया है। और वही पर काफी नाटकों में काम किया। लॉस एंजलिस में रोमियो और जूलिएट के प्रोडक्शन में रोमियो का रोल किया, जोकि काफी फेमस हुआ। उसके बाद शेक्सपियर के नाटकों के मुरीद बन गए और विश्वभरमें अलग अलग नाटकोंमें मुख्य भूमिकाओं को निभाया। मुंबई आकर कई फिल्म, सीरियल,नाटक, म्यूजिक अल्बम, विज्ञापन फिल्म इत्यादि में काम किया। वे अंग्रेजी में बोलने और अंग्रेजी में ही डायलॉग बोलने में ज्यादा सहज महसूस करते है।इसके पहले शेक्सपियर की ४०० वीं पूण्यतिथि के अवसर पर 'आल इण्डिया रेडियो' के लिए एक अंगेजी प्ले 'मेसर फॉर मेसर' को निर्देशित करके दिया था,जिसमें एक गुरु / साधू एक लड़की को देखने के बाद उसपर मोहित हो जाता है। जोकि आज भी रविवार को अक्सर प्रसारित होता है।इसके बाद देशिक वांसदिआ एक नाटक ' दी बॉय हु स्टोप्पड़ स्माइलिंग', जिसमें एक आठ साल का लड़का बहुत ही ज्यादा इंटेलीजेंट होने के आम बच्चों की तरह लोगों से अच्छा व्यहार नहीं कर पाता है। इसमें देशिक ने एक्टिंग और निर्देशन भी किया था। जिसका शो पृथ्वी थिएटर, ऍन सीपीए और पुरे देश में काफी सफलतापूर्वक शो किये थे।
अंग्रेजी नाटक 'दी टेमिंग ऑफ़ दी श्रेव ' के एक्टर व निर्देशक देशिक वांसदिआ अपने नए शो के बाते में कहते है," हम महिला और पुरुष की समानता की बात करते है। लेकिन जब आज कोई लड़की मॉर्डन ड्रेस पहन ले या थोड़ा से पुरुष के समान रहने लगे तो लोग उसके बारे में गलत -गलत बाते करते है और कहते है कि वह बिगड़ गयी है। वैसे दोनों के बीच में मेन 'पावर' बड़ा होता है। चाहे महिला के पास 'पावर' हो या पुरुष के पास। वह उसका इस्तेमाल करता है। सच पूछों कोई बड़ा या छोटा नहीं होता है। इसमें हम लोगों ने इस नाटक में शेक्सपियर वाली अंग्रेजी ही रक्खा। उसमें जो भाव,रस, कविता है वह आज की अंग्रेजी में नहीं है।"
इस नाटक का मंचन मुंबई, अहमदाबाद,दिल्ली,बँगलेरू, राजस्थान इत्यादि में करेंगे।
Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Entertainment
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like