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इंटर रिजल्ट धांधली: टॉपर मामले में एफआइआर दर्ज

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07 Jun 16
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पटना : इंटर साइंस व आर्ट्स के रिजल्ट गड़बड़ी मामले में शिक्षा विभाग ने सोमवार की देर रात कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के बाद शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन, माध्यमिक शिक्षा के पदाधिकारी शिवनाथ प्रसाद और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव हरिहर नाथ झा ने इसे आपराधिक मामला मानते हुए कोतवाली थाने जाकर एफआइआर दर्ज करायी. शिक्षा विभाग ने एफआइआर में पूरी गड़बड़ी के लिए वी.

राय कॉलेज कीतरपुर, भगवानपुर (वैशाली), राजेंद्र नगर स्थित विद्यालय जहां मूल्यांकन केंद्र बनाया गया था और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को शक के घेरे में रखा है. विभाग ने प्राथमिकी में पूरे प्रकरण का जिक्र किया है. कब परीक्षा ली गयी? कब मूल्यांकन हुआ?

कब रिजल्ट जारी हुआ? कैसे टॉपर्स छात्रों के दक्षता पर सवाल उठे और उसके बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में इंटरव्यू हुआ, जिसमें वे असफल साबित हुए. इसके बाद उनका रिजल्ट रद्द कर दिया गया और कॉलेज की मान्यता भी स्थगित कर दी गयी. बिहार के पुलिस महानिदेशक पी. के. ठाकुर ने भी प्राथमिकी दर्ज किये जाने की पुष्टि कर दी है. शिक्षा विभाग की ओर से की गयी प्राथमिकी के बाद अब पुलिस विभाग इस मामले में एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) का गठन करेगा, जो सभी पहलुओं पर अपनी जांच कर कार्रवाई करेगी. रिजल्ट गड़बड़ी में जिनकी भी संलिप्तता होगी उन पर सीधे एफआइआर होगा और अगले 10 दिनों में राज्य सरकार को एसआइटी पूरी रिपोर्ट देगी.

मुख्यमंत्री जी, बीएसइबी को तुरंत भंग करें

पटना. कांग्रेस विधायक डॉ अशोक कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को तत्काल भंग करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति भ्रष्टाचार की जननी बन गयी है. इस बार जिस तरह परीक्षा का परिणाम आया व टॉपर्स को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इससे बिहार की छवि खराब हुई है. बिहार का चेहरा खराब करने में बोर्ड की अहम भूमिका रही. विधायक ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री बोर्ड को दुरुस्त करना चाहते हैं तो तत्काल उसे भंग करें.

दोनों जांच कमेिटयां भंग षड्यंत्र की आ रही बू : सीएम

पटना : इंटर साइंस व आर्ट्स की परीक्षा में गड़बड़ी मामले की जांच के लिए शिक्षा विभाग और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति गठित दोनों कमेटियों को राज्य सरकार ने भंग कर दिया है. पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा बिहार पुलिस को दिया गया है. सोमवार की शाम मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने िशक्षा िवभाग को निर्देश दिया कि वे वैशाली में इंटरमीडिएट की परीक्षाफल में धांधली के आरोप में पूरे मामले को आपराधिक मामला मानते हुए थाना में प्राथमिकी दर्ज करें और पूरे मामले की जांच शुरू करें. जांच के दौरान जिसकी भी संलिप्तता पायी जाती है, उस पर कठोर कार्रवाई की जाये. मुख्यमंत्री ने पूरे मामले में कौन लोग शामिल हैं, किन-किन जगहों पर गड़बड़ी हुई इसकी जांच और कार्रवाई कर 10 दिनों के अंदर सरकार को रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है. सीएम नीतीश कुमार ने यह भी निर्देश दिया है कि हाइस्कूलों के बच्चों की लगातार जांच परीक्षा हो.

षड्यंत्र की आ रही बू : नीतीश

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंटर परीक्षा में गड़बड़ी मामले पर कहा कि पूरे मामले में षड्यंत्र की बू आ रही है. इसमें जो लोग भी दोषी हैं उन पर कड़ी कार्रवाई होगी. जो जांच कमेटियां गठित की गयी थीं उसे भंग कर दिया गया है. जब पूरा मामला ही साफ है तो जांच की क्या आवश्यकता है.

इनक्वायरी की जरूरत नहीं, इनवेस्टिगेशन होगा. इसे आपराधिक मामला मानते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. कौन लोग इसमें शामिल थे, ये कैसे हुआ, उनकी पहचान कर कार्रवाई का जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल मैट्रिक की परीक्षा में कदाचार की एक तसवीर देख कर उन्होंने जांच का आदेश दे दिया था, इस बार तो साफ है. दो-चार बच्चों के कारण बिहार की बदनामी हुई है.

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