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रैगर महासभा की पहल मत्युभोज हो बंद

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30 Apr 16
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बाडमेर / अखिल भारतीय रैगर महासभा के राश्ट्रीय अध्यक्ष बीएल नवल का जटिया समाज बाडमेर द्वारा स्थानीय जटिया समाज के हनुमान मंदिर में भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान राश्ट्रीय अध्यक्ष नवल ने कहा कि महासभा ने मृत्युभोज पर बनने वाले मीठे भोजन की प्रथा को समाप्त करने की पहल की है। साथ ही सगाई व षादी में अनावष्यक खर्चों पर भी रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे खर्चो से गरीब आदमी की कमर टूट जाती है इसलिए रैगर महासभा ने यह प्रस्ताव पारित कर एक नई पहल की है जिसको आप सभी को लागू कराने में अपना योगदान देना होगा। नवल ने कहा कि रैगर महासभा द्वारा ज्ञान लक्ष्य कोश की भी स्थापना की जा रही है जिसमें गरीब तबके के लोगों के बच्चों को उच्च षिक्षा निःषुल्क दी जायेगी, ऐसी व्यवस्थाएं की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस कोर्स के माध्यम से गरीब बच्चों का चयन कर उन्हें उच्च षिक्षा व प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों में आर्थिक धन की समस्याओं का भी निवारण होगा। उन्होंने कहा कि षिक्षा के क्षेत्र में बालक व बालिकाओं में किसी भी प्रकार का कोई भेद नहीं रखकर उन्हें सम्मान रूप से अध्ययन करवायें, तभी समाज आगे बढेगा। उन्होंने कहा कि रैगर महासभा हर समय आमजन की सहायता के लिए तत्पर रहेगा। उन्होंने बताया कि षीघ्र ही राज्य व राश्ट्र स्तर पर रैगर महासभा बहुत बडा सम्मेलन करेगी। इस दौरान भीलवाडा चम्बल प्रोजेक्ट के अधीक्षण अभियंता बीएल जाटोल का भी स्वागत किया गया।
मूल गोत्र लगाएं-अखिल भारतीय रैगर महासभा के राश्ट्रीय अध्यक्ष बीएल खटनवालिया ने कहा कि महासभा में यह भी निर्णय लिया गया कि हम सभी अपनी मूल गोत्र लगाऐं। साथ ही उन्होने आमजन से भी अपील करते हुए कहा कि सभी अपनी मूल गोत्र से जाने व पहचाने जायें।
ऐतिहासिक फैसला-वहीं राश्ट्रीय अध्यक्ष खटनावलियां ने कहा कि महासभा की पहल पर हरिद्वार के पंडो द्वारा रैगर समाज के बंधुओं से १० से १५ हजार की राषि अस्थियां विसर्जन करवाने के एवज में ली जाती थी परंतु महासभा की पहल व समझाईष के बाद अब पांच सौ रूपये कर दी गई है। इससे ज्यादा कोई राषि नहीं देगा। साथ ही अस्थियां विसर्जन के समय परिवार के सदस्यों की संख्या सीमित करने का भी निर्णय लिया गया।
ये रहे मौजूद-इस दौरान अखिल भारतीय रैगर महासभा उदयपुर के जिलाध्यक्ष मदनलाल खटनावलियां, दलाराम खटनावलियां, मोहनलाल गोंसाई, भोमाराम गोंसाई, छगनलाल जाटोल, मोहनलाल कुर्डिया, लक्ष्मण बडेरा, नाथुलाल चौहान, खुम्भाराम कुर्डिया, चंदन जाटोल, सुरेष जाटोल, भैरूसिंह फुलवारियां, ष्यामलाल सुंवासिया, मिश्रीमल जैलिया, अमृतलाल जाटोल, हीरालाल खोरवाल, मोहनलाल फुलवारियां, दिनेष कुलदीप, भागीरथ बाकोलिया, ओमप्रकाष फुलवारियां, कालू बडेरा, सम्पत सुवांसिया, राकेष कुलदीप, किषन गोंसाई, लादूराम सिंगाडिया, पुखराज सुवांसिया, धर्मेन्द्र फुलवारियां, प्रवीण खोरवाल, जितेन्द्र जाटोल, जेठानन्द चौहान सहित समाज के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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