लाॅकडाउन के बीच सीडब्ल्यूसी सदस्य एवं पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने गुरूवार को तीसरी बार वीडिया कांफ्रेंसिंग के जरिए लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से वार्ता की और कोरोना महामारी के बीच चल रहे राहत कार्यों, पेयजल एवं खाद्य सुरक्षा पर फीडबेक लिया। करीब ढाई घंटे तक बैठक चली। वीसी की शुरूआत में सीडब्ल्यूसी सदस्य मीणा ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी को 29वें शहिद दिवस पर याद किया और कहा कि राजीव गांधी द्वारा देश में लाई गई उसी सूचना प्रोद्योगिकी क्रांति का परिणाम है कि लाॅकडाउन के बावजूद आज हम सब वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर पा रहे हैं।
सीडब्ल्यूसी सदस्य मीणा ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि पार्टी को ओर अधिक मजबूत करने के लिए कृत संकल्पित रहे एवं महामारी के दौर में सरकारी योजनाओं का लाभ अधिकाधिक वंचित लोगों तक पहुंचाने के नेक काम में भागीदार बनें। साथ ही कहा कि पूर्व में अन्य राज्यों में रोजगार के लिए पलायन कर चुके बड़ी संख्या में लोग अब वापस गांवों में लौट आए हैं और अब उन्हें रोजगार की समस्या रहेगी, ऐसे जरूरतमंद लोगों को मनरेगा से जोड़कर रोजगार दिलाने में सहयोग करें, ताकि उनका जीवनयापन अच्छे से हो सकें। मनरेगा से अधिकाधिक श्रमिकों को जोड़ा जाए। क्योंकि प्रवासी श्रमिकों को रोजगार नहीं मिलेगा तो परेशानी होगी। मनरेगा कार्यस्थलों पर छाया, पेयजल की व्यवस्था हो इसका ध्यान रखे। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के पहले से तीसरे फेज तक तो कई भामाशाह और सेवाभावी लोग आमजन की मदद में आगे आए, लेकिन अब लोकडाउन का चैथा चरण चल रहा है ओर आगे भी लोगों को सहायता की जरूरत होगी, तो इसमें कोताही नहीं बरते।
राशन कार्ड से हटाए जा चुके नाम दोबारा जोड़े जाएं
ग्रामीण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने वर्तमान में आमजन के सामने आ रही कई तरह की समस्याओं का जिक्र करते हुए उसका प्रशासन से समाधान कराने का आग्रह किया। खासकर ऐसे लोग जो अन्य राज्यों में रोजगार के लिए पलायन कर चुके थे, परन्तु वापस अपने पेतृक गांव लौटने पर उन्हें उचित मूल्य की दुकान से राशन सामग्री नहीं मिल पा रही हैं लंबे समय से बाहर रहने एवं राशन नहीं लेने पर कईयों के नाम हटा दिए गए हैं और अब जब सरकारी सहायता की सबसे ज्यादा आवश्यकता है तो उन्हें खाद्य सुरक्षा स्कीम से वंचित होना पड़ रहा है। कार्यकर्ताओं ने बढ़ती गर्मी को देखते हुए मनरेगा का समय सुबह 6 से 11 बजे तक करने की मांग की। फलासिया क्षेत्र के कार्यकर्ताआंे ने अंदरूनी गांवों के राशन डिलरों के पास पोस मशीनें नहीं होने से राशन वितरण में परेशानी आना बताया।
वीसी में कार्यकर्ताओं ने सुझाव दिया कि नाई, धोबी, मोची, घरेलू नौकर, भिखारी, रिक्शा चालक, आॅटो चालक, रेस्टोरंेट वेटर, निर्माण मजदूर, मंदिरों में पूजा पाठ करने वाले पंडित, कर्मकांडी पंडित, सिनेमा हाॅल के श्रमिक, बैंड वादक, घोडी वाला सहित अन्य वर्ग के लोग जो रोज कमाते एवं रोज खाते हैं उनको सूचीबद्ध कर 24 मई तक उन्हें बीएलओ के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाने का आदेश है, परन्तु प्रशासन द्वारा अभी तक सूचियां ही तैयार नहीं की है और न ही राहत सामग्री मिली है।
सोशल नहीं फिजिकल डिस्टंेसिंग है जरूरी
वीसी के जरिए सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि कोरोना महामारी आने के बाद सोशल डिस्टंेसिंग शब्द का उपयोग हो रहा हैं, लेकिन मेरा मानना है कि इसकी जगह फिजिकल डिस्टेेंसिंग शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए। क्योंकि ऐसे समय में सामाजिक दूरी नहीं होनी चाहिए वह भी तब, जब हमें एक-दूसरे की जरूरत है। इसलिए सोशल की जगह फिजिकल डिस्टेंसिंग शब्द का इस्तेमाल करने की सरकार को सलाह दी जाएगी। पार्षद प्रशांत श्रीमाली, लोकेश गौड, हिदायतुल्ला, पूर्व पार्षद भरत आमेटा, राकेश खोखर, शहर कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष अजयसिंह, जिला सचिव डाॅ. दीपक व्यास, देहात जिला कांग्रेस कमेटी महासचिव नवलसिंह, सलूम्बर नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत शर्मा, झाड़ोल ब्लाॅक अध्यक्ष नारायणलाल जन्नावत, सुनील भजात, कौशल नागदा, हेमंत श्रीमाली, दिनेश दवे, राजेंद्र जैन, भानु जैन, बड़ी सरपंच मदन पंडित, ओबीसी प्रकोष्ठ अध्यक्ष गजेंद्र पटेल, चिराग शर्मा, शिव गुर्जर, नरेश कलाल, गणेश चैधरी, चंद्रशेखर कुमावत, धर्मेश मालवीया, केजी. मूंदड़ा, भूपेश चैबीसा, लालबहादुर सुहालका सहित वीसी में उदयपुर लोकसभा क्षेत्र की सभी विधानसभा क्षेत्रों से कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।