
मुंबई।'सहयोग ब्रॉडगेज प्रवासी ट्रस्ट' के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो.कलामुद्दीन मंसूरी ने जून ३०,२०१५ में आर टी आई के तहत आई आर सी टी सी,मुंबई से जानकारी मांगी थी कि आई आर सी टी सी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन लिमिटेड) क्या है?प्राइवेट कंपनी है या सरकारी कंपनी है?इसके संस्थापक और सदस्य कौन है? इसके और रेलवे के बीच क्या समझौते हुए है?इसकी सालाना आय क्या है और उसमें से भारतीय रेल को कितना जाता है? जिसका जवाब जुलाई २, २०१५ को आया कि आपका पत्र आई आर सी टी सी के दिल्ली ऑफिस में भेज दिया है और आप आगे वहां संपर्क करे। उसके बाद कोई भी जवाब नहीं आया।और दिसंबर ४ ,२०१५ को फिर से अपील पत्र दिल्ली भेजा है। अब देखना है कि आई आर सी टी सी क्या जवाब देती है?
'सहयोग ब्रॉडगेज प्रवासी ट्रस्ट' के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो.कलामुद्दीन मंसूरी कहते है," रेलवे सूचना का अधिकार अधिनियम २००५ का उल्लंघन कर रही है। यदि इस बार अपील का जवाब नहीं आया तो कोर्ट में जाऊँगा।यदि भारतीय रेलवे सरकारी संस्था है तो उसे आई आर सी टी सी से जोड़ने का क्या कारण है? क्यों इसके तहत रेलवे सारे काम करती है? आखिर इससे किसको फायदा हो रहा है? यह जानने का हक जनता को है।“