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धूमधाम से शुरू हुई एकलिंगनाथ सेवा संगठन की सामूहिक विवाह की तैयारियां

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14 May 25
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धूमधाम से शुरू हुई एकलिंगनाथ सेवा संगठन की सामूहिक विवाह की तैयारियां

उदयपुर। श्री एकलिंगनाथ राष्ट्रीय सेवा संगठन द्वारा आगामी 17 मई को आयोजित किए जाने वाले प्रथम सर्व समाज दहेज मुक्त सामूहिक विवाह समारोह की तैयारियां लग्न की रस्म के साथ धूमधाम से आरंभ हो गई हैं। बुधवार को बोहरा गणेशजी मंदिर परिसर में विवाह बंधन में बंधने जा रहे जोड़ों की लग्न की रस्म विधिवत संपन्न हुई। इस अवसर पर वर-वधु पक्ष के परिजन भारी संख्या में उपस्थित रहे।

सुबह 10 बजे से प्रारंभ हुई रस्म के दौरान पंडित पवन पंचारिया ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ प्रथम पूज्य बोहरा गणेशजी की साक्षी में सभी जोड़ों की अलग-अलग लग्न पत्रिकाएं लिखीं। इसके बाद संगठन के संस्थापक अध्यक्ष आकाश बागड़ी, संरक्षक निर्मल पंडित एवं प्रदेश अध्यक्ष दीपक मेनारिया ने सभी वधु पक्षों को नारियल व मिष्ठान्न के साथ लग्न पत्रिकाएं सौंपीं। वधु पक्ष ने परंपरा अनुसार लग्न पत्रिकाएं वर पक्ष को प्रदान कर बारात आने का आमंत्रण दिया।

इस पावन अवसर पर ढोल-नगाड़ों की थाप पर जोड़े एवं उनके परिजन खुशी से झूम उठे और पूरे वातावरण को उल्लासपूर्ण बना दिया। वंदना-निर्मल नामक जोड़े ने भावुकता के साथ कहा कि आज उन्हें जो खुशी मिली है, वह शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। इस आयोजन की भव्यता देखकर लग रहा है कि यदि व्यक्तिगत विवाह किया होता तो ऐसी व्यवस्था संभव नहीं होती। महंगाई के इस दौर में बिना किसी शुल्क के यह आयोजन संगठन द्वारा करना बहुत बड़ी बात है।

इस मौके पर सभी जोड़ों ने संगठन के अध्यक्ष आकाश बागड़ी को उपरना ओढ़ाकर सम्मानित किया। बागड़ी ने बताया कि सामूहिक विवाह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अब तक 11 जोड़ों का पंजीयन हो चुका है और विवाह पूरी तरह दहेज मुक्त एवं आडंबर रहित होगा। समारोह में सर्व समाज के जोड़े भाग ले सकते हैं और आयोजन से जुड़ा कोई शुल्क वर-वधु पक्ष को नहीं देना होगा।

संगठन के संरक्षक निर्मल कुमार पंडित और विनोद पांडे ने बताया कि वर-वधु दोनों का बालिग होना आवश्यक है एवं उनकी आपसी सहमति भी जरूरी है। विवाह के पश्चात दोनों पक्षों के बीच यदि कोई विवाद होता है, तो वे पहले संगठन से चर्चा करेंगे। इसके लिए 30 वर्ष की अवधि का आपसी एग्रीमेंट किया जाएगा। संगठन द्वारा दोनों पक्षों की दो बार काउंसलिंग की जाएगी और यदि समाधान नहीं निकलता है, तो दूल्हा पक्ष को एक लाख रुपये दुल्हन पक्ष को देकर आगे की कार्रवाई करनी होगी।

बागड़ी ने बताया कि 17 मई को विवाह की सभी रस्मों के पश्चात रात को मां अंबे के नाम भजन संध्या का आयोजन होगा। अपराह्न 3 बजे से बोहरा गणेशजी मंदिर से दूल्हा-दुल्हन की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी जो सत्यम गार्डन, महासतिया चौराहा पहुंचेगी। शोभायात्रा में हाथी, घोड़ी, बग्गी एवं बैंड-बाजे भी शामिल होंगे। प्रत्येक परिवार की ओर से 50-50 अतिथि आमंत्रित किए जाएंगे।

यह आयोजन राजस्थान में सर्व समाज के लिए अपने तरह का पहला दहेज मुक्त सामूहिक विवाह समारोह होगा, जो समाज में एक सकारात्मक संदेश प्रसारित करेगा।


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