जीवोत्थान पंचांगम् एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक समेकित राशि फल सहित) {#यह सेवा जिन सज्जनों के लिए काम आ सके तदर्थ है।ज्योतिर्विद- सुविज्ञों के लिए आवश्यक नहीं# }
(महर्षि यादवेन्द्र शिक्षाचार्य , Rtd RES, भाषात्रयी आशुसाहित्यकार)
Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - Evam Janm Rashi Falanuman
दिनांके-(आँग्ल)12/10/2021
मंगलवार
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक 20/07/1943
20आश्विन मास1943
सृष्टिगतसौरार्कदिनांक -
24/06
/1955885122#(# पंचांगकारानुसार वर्ष, दैनिक सूर्योदय कालीन सूर्य संक्रांति राशि - अंशतः अंकतः स्थानीय व्यवस्था)
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
22/07/2078
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि)
सप्तमी, शुक्ल पक्ष
आश्विन
तिथि सप्तमी21:47:13
पक्ष शुक्ल नक्षत्र मूल11:25:24
योग शोभन08:49:04
योग अतिगंड30:08:07*
करण गर10:45:53
करण वणिज21:47:13
माह (अमावस्यांत)आश्विन
माह (पूर्णिमांत)आश्विन
चन्द्र राशि धनु
सूर्य राशि कन्या
सूर्योदय06:33:47
सूर्यास्त18:11:21
दिन काल11:37:33
रात्री काल12:22:52
चंद्रोदय12:40:03
चंद्रास्त23:23:35
सूर्योदयलग्न कन्या24°46' ,
सूर्य नक्षत्र चित्रा
चन्द्र नक्षत्र मूल
आज के नामकरणाक्षर
पद, चरण4 भी मूल11:25:24
1 भू पूर्वाषाढा17:06:27
2 धा पूर्वाषाढा22:48:53
3 फा पूर्वाषाढा28:32:46*
मुहूर्त
राहुकाल15:17 - 16:44अशुभ
यम घंटा09:28 - 10:55अशुभ
अभिजित्11:59 -12:46शुभ
दूर मुहूर्त08:53 - 09:40अशुभ
दूर मुहूर्त23:08 - 23:55अशुभ
गंड मूल06:34 - 11:25अशुभ
चोघडिया, दिन
रोग06:34 - 08:01अशुभ
उद्वेग08:01 - 09:28अशुभ
चर09:28 - 10:55शुभ
लाभ10:55 - 12:23शुभ
अमृत12:23 - 13:50शुभ
काल13:50 - 15:17अशुभ
शुभ15:17 - 16:44शुभ
रोग16:44 - 18:11अशुभ
चोघडिया, रात
काल18:11 - 19:44अशुभ
लाभ19:44 - 21:17शुभ
उद्वेग21:17 - 22:50अशुभ
शुभ22:50 - 24:23*शुभ
अमृत24:23* - 25:56*शुभ
चर25:56* - 27:29*शुभ
रोग27:29* - 29:01*अशुभ
काल29:01* - 30:34*अशुभ
होरा, दिन
मंगल06:34 - 07:32
सूर्य07:32 - 08:30
शुक्र08:30 - 09:28
बुध09:28 - 10:26
चन्द्र10:26 - 11:24
शनि11:24 - 12:23
बृहस्पति12:23 - 13:21
मंगल13:21 - 14:19
सूर्य14:19 - 15:17
शुक्र15:17 - 16:15
बुध16:15 - 17:13
चन्द्र17:13 - 18:11
होरा, रात
शनि18:11 - 19:13
बृहस्पति19:13 - 20:15
मंगल20:15 - 21:17
सूर्य21:17 - 22:19
शुक्र22:19 - 23:21।
बुध23:21 - 24:23*
चन्द्र24:23* - 25:25*
शनि25:25* - 26:27*
बृहस्पति26:27* - 27:29*
मंगल27:29* - 28:30*
सूर्य28:30* - 29:32*
शुक्र29:32* - 30:34*
अंतिम कॉलम अंत समय है.
होरा(वारों की प्रकृति तथा करणीय शुभ कामों के अनुसार उपयोगी)
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विशेष विवेचन - आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध - भद्रकाली अवतार। सरस्वती पूजन 11-26से।महासप्तमी।जैन ओली प्रारंभ। बिल्व सप्तमी। महालक्ष्मी पूजन। दुर्गा पूजन आरंभ बंगाल।
अधो भूभागांग भूतल सतह व अग्नि वायव्य दिशाएँ प्रभावित। टुट फुट कहीं बिखरने व अप्रियता के आसार ।वणिज जनहित योजना । शिक्षा-तकनीकी एवं विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में नव चिंतन । ग्राफिक्स नीचे प्रभावित पर। । ##############
*अन्तिम कालम अन्त समाप्तिकाल है।
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य।
@जीवोत्थान जन्म राशि फलानुमान @
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जन्मराशितःआज सांकेतिक फलानुमान
(विशेषार्थ स्वजन्म पत्रिका दृष्टव्य) (एकन्दर राशि फल बोध
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मिथुन कर्क राशि वालों के लिये दिनमान के मिश्रित , वृष कन्या मकर के लिए अड़चन फलद समय तथा अन्य हेतु अपेक्षाकृत दिनमान ठीक।)
जन्म राशि - - - - - समेकित फलानुमान
मेष - अच्छा 63 %
वृष. - परेशानी 66 %
मिथुन - मिश्रित 58 %
कर्क. - ठीक ठाक 43 %
सिंह. - सुधार 61 %
कन्या. - अवरोध 59 %
तुला. अच्छा 53 %
वृश्चिक. अनुकूलता 59 %
धन. - सुधार 61 %
मकर. - परेशानी 58 %
कुंभ. - अनुकूलता 59 %
मीन. - अच्छा 63 %
विशेष - दिन शुद्धि सामान्यतः.
अच्छी फलद है।
जीवोत्थान पाक्षिक जन्म राशि समेकित फलानुमान
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(अक्टूबर पूर्वार्द्ध )
मेष - - अनुकूलता
वृष - - - -अच्छा
मिथुन - - - - - - परेशानी
कर्क - - - - - लाभ
सिंह - - - - -लाभदायक
कन्या - - - - अवरोध
तुला - - - - परेशानी
वृश्चिक - - - - उन्नति
धन - - - - - - - - - अच्छा
मकर - - - - - तरक्की
कुंभ - - - - - - अवरोध
मीन - - - - - - अच्छा
{(जीवात्मा की विचित्रता, ग्रह-प्रकृति फल भोग।
कर्मफल के सार से, जीवनचक्र - संजोग ।।
स्वात्मदेव सुसाक्षी रख, स्मरण परब्रह्म साथ।
स्वशुद्धभाव कर्मरत् हो , तो साथ रहे नाथ।
सम्मान प्रदान,दिया,लिया,, यथाभाग्य सब लेख।
सुजन निभावे पात्रता,आप्राण विधि- प्रलेख।।)}
भारत की अद्वितीय विशेषताओं का,
अनवरत् दिव्यामृतपान करनाहै।
"ब्रह्माण्डोत्थान" हेतु मानवादर्श का,
'जीवोत्थान 'सदाश्रय को अपनाना है।।
ॐमहर्षि - यादवेन्द्र जीवोत्थान उदयपुर