राजस्थान के सीमान्त जिले संवेदनशील होने के साथ प्रकृति की मार से भी पीड़ित है। कभी अकाल तो कभी टिड्डियों के हमले झेलते है। धूलभरी आँधियों का तूफान यहाँ की नियति बन गया है। कठिन परिस्थितियों में भी सीमान्त जिलों के निवासियों ने जीना सीख लिया है। कोरोना महामारी से सीमान्त जिले भी अछूते नहीं रहे। मगर यहाँ के वाशिंदों ने कोरोना को हराने के लिए कमर कस ली है। नेहरू युवा केंद्र राजस्थान के राज्य निदेशक डॉ भुवनेश जैन के अनुसार प्रदेश के सीमान्त जिलों यथा बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्री गंगानगर जिलों में कोरोना संक्रमण की आहट के साथ ही संगठन की इकाइयों ने आमजन के बीच जाकर कोरोना से बचाव और उपचार की कार्यवाही शुरू करदी। जरुरत मंदों को राशन और मास्क वितरण के साथ अन्य सभी संभव सहायता प्रदान की।
श्री गंगानगर
भूपेन्द्र सिंह शेखावत एम टेक है और तीन वर्ष तक अभियांत्रिकी कॉलेज में बतौर सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्य किया है। वर्तमान में नेहरू युवा केंद्र श्री गंगानगर में युवा समन्वयक के रूप में कार्यरत है। शेखावत जी - जान से कोरोना संकट में लोगों की सहायता में जुटे है। शेखावत के अनुसार जिले के सभी युवा मंडल अच्छा कार्य कर रहे है। साथ ही सभी ब्लॉक के स्वयंसेवक एक्स - स्वयंसेवक भी अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे है। घर पर मास्क बनाना एवं वितरित करना, प्रवासी मजदूरों को राशन वितरण, 2 गज की दूरी का पालन, गांवों को सनिटाइज करना, गांवों के बॉर्डर पर नाकाबंदी करना, प्रशासन के साथ मिलकर बैंकों एवं अन्य जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाना, भारत सरकार के दिशा निर्देशों को जन - जन तक पहुंचाना, बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार प्रसार ई- मीडिया के माध्यम से करना, परिंडा अभियान, दीक्षा ऐप, आई गोट, नए स्वयंसेवक जोड़ना जैसे कार्य पूरी मेहनत और समर्पित भाव से किए जा रहे है।
बीकानेर
बीकानेर में रूबी पाल युवा समन्वयक के पद पर कार्य कर रही है। बीकानेर में अब तक करीब 14400 परिवार घर पर ही मास्क बना कर लोगों को मुफ्त में वितरित कर रहे हैं। 15 वालंटियर ने अपने-अपने ब्लॉक के गांवो सेनीटाइज किया है और कीटनाशक दवा का छिड़काव कराया है। आई गॉट पर 1937 युवाओं का रजिस्ट्रेशन करवाया जिनमें से अब तक 1254 ट्रेनिंग भी ले चुके हैं। और कोरोना के इस जंग में लड़ने और इस देश के लिए एक स्वयं सेवक के रूप में कार्य करने के लिए तैयार किया है। गरीब परिवारो एवं प्रवासी मजदूरों को राशन एवं फूड पैकेट उपलब्ध करवाने का कार्य किया जा रहा हैं। पशु एवं पक्षियों का भी खास ख्याल रखते हुए युवा स्वयंसेवकों द्वारा दाना एवं पानी की व्यवस्था की जा रही है।
जैसलमेर
नेहरू युवा केंद्र जैसलमेर के जिला युवा समन्वयक फतेह लाल भील काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से स्नातक है। युवा समन्वयक ने लॉक डाउन घोषित किए जाने के तुरंत बाद सेही कोरॉना महामारी से बचाव और राहत कार्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जनता कर्फ्यू के पालन हेतु लोगों को जागरूक करने और निशुल्क मास्क वितरण करने के लिए प्रेरित किया। इस आपदा में राहत के लिए नेहरू युवा केंद्र जैसलमेर के स्वयंसेवकों और युवा क्लब सदस्यों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में गरीब-मजदूर परिवारों को राशन सामग्री पहुंचाने, निशुल्क मास्क वितरण करने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से वंचित लोगों का सर्वे करने, प्रवासी मजदूरों का सर्वे करने और सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन अभियान चलाकर लोगों को कॉरोना बचाव के लिए जागरूक करने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
बाडमेर
सचिन पाटोदिया एम् टेक है और बाड़मेर में जिला युवा समन्वयक के पद पर कार्यरत है। बाडमेर देश का पांचवां सबसे बडा जिला है। क्षेत्रफल की दृष्टि से केरल राज्य के बराबर है। इस जिले के गडरारोड, चैहटन, धनाऊ, सेडवा ब्लाक ,की सीमा पडौसी मुल्क पाकिस्तान से लगती है। जिले के 21 ब्लोक में राष्टीय युवा स्वंय सेवको को लोकडाउन के दौरान मास्क बनाने एवं प्रवासियो की सहायता करने के लिये प्रेरित कर रहे है। गरीब मजदूर परिवारो को राशन सामग्री पहॅुचाने निःशुल्क मास्क वितरण करने,होम क्वारंटीन की पालना सुनिशित करवाने मे आरोग्य सेतु डाउनलोड, सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी की पालना सुनिश्ति करवाने मे अपनी अहम भूमिका निभा रहे है।