उदयपुर। श्री महाकालेश्वर श्रावण महोत्सव समिति की शाही सवारी को लेकर आज दिनांक 11 अगस्त 2019 को अंतिम बैठक हुई जिसमें शाही सवारी की संपूर्ण रूपरेखा तैयार की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्रावण महोत्सव समिति के संयोजक रमाकान्त अजारिया,सुनील भट्ट एवं सुन्दरलाल माण्डावत ने बताया कि शाही सवारी की संपूर्ण तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। विशेष आकर्षक के रूप में ओगडी माई की धूणी विशाल माँ कालिका की मूर्ति रहेगी। आशुतोष भगवान श्रीमहाकालेश्वर के शाही सवारी के मार्ग में सुमधुर स्वर लहरी बिखेरते हुए बैण्ड विशेष शिव भजनों को बजाते हुए चलेंगे।
प्रवक्ता विनोद शर्मा, महिपाल शर्मा ने बताया कि दिनांक 12 अगस्त 2019 को आशुतोष भगवान श्री महाकालेश्वर का रूट चार्ट का निर्धारण कर दिया गया जो निम्न प्रकार से रहेगा- अभिजित मुहूर्त में 12.15 बजे भगवान आशुतोष महाकालेश्वर की सवारी मंदिर प्रांगण से प्रस्थान कर निर्माणधीन गुफा से होते हुए पूर्वी द्वार की ओर से फतहसागर के रास्ते से होते हुए काला किवाड पर दाधिच समाज के द्वारा भगवान महाकाल का स्वागत-सत्कार किया जाएगा। वहां से स्वरूप सागर से होते हुए शिक्षा भवन चौराहे पर पहुंचेगी जहां पर भगवान शनिदेव के पुजारी परिषद के द्वारा भगवान महाकाल की अगवानी की जाएगी तथा वहां से चेटक सर्कल पर मुस्लिम समुदाय एवं ईसाई समुदाय द्वारा स्वागत सत्कार किया जाएगा तथा महाकाल की ओर से नजराना भेंट किये जाएंगे। विप्र फाउण्डेशन भी शाही सवारी में विशाल नन्दी पर आरूढ भगवान भोले नाथ का स्वागत करेंगे। वहां से आशीष पैलेस होटल पर सिक्ख समुदाय द्वारा विशेष पूजा-अर्चना एवं भगवान महाकालेश्वर का स्वागत किया जाएगा। तत्पश्चात 1.30 बजे हाथीपोल पर देवी महाकाली मंदिर पर पुजारी परिषद द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर-देवी महाकाली तथा भगवान शनिदेव का परस्पर पूजन स्तवन किया जाएगा। इसके उपरान्त शाही सवारी मावा गणेशजी मार्ग से होते हुए हरवेन जी खुर्रा होते हुए मोतीचोहट्टा पहुंचेगी। जहां पर विभिन्न व्यापारिक संगठनो व समाजो द्वारा मार्ग में भगवान श्री महाकालेश्वर का स्वागत कर विशेष पुष्प वर्षा की जाएगी। शाही सवारी घण्टाघर से होते हुए जगदीश चौक पहुंचेगी जहां पर दोपहर 3.30 बजे जगदीश चौक में भगवान हरि-हर का परस्पर मिलन होगा जिसमें पुजारी परिषद द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर- भगवान श्री जगदीश का परस्पर पूजन स्तवन कर महाआरती होगी तथा परस्पर भेट प्रस्तुत की जाएगी। सवारी गणगौरघाट मार्ग से होते हुए चांदपोल पुलिया से होते हुए जाडा गणेश जी पहुंचेगी जहां पर आरती का आयोजन होगा। यहां से सवारी नई पुलिया होते हुए सांय 6.00 बजे अम्बामाता मंदिर पहुचेगी जहां पर पुजारी परिषद द्वारा भगवान महाकालेश्वर व मॉ अम्बा का परस्पर पूजन स्तवन कर भेंट प्रस्तुत की जाएगी। वहां से सवारी पुनः राडाजी चौराहे होते हुए महाकलेश्वर मंदिर परिसर पहुंचेगी जहां पर महाआरती का आयोजन होगा।
प्रवक्ता विनोद शर्मा ने बताया की शाही सवारी के निर्धारित पूरे मार्ग में गोमूत्र् एवं गगाजल का छिडकाव श्रीमाली समाज के द्वारा किया जाएगा तथा दीक्षा भार्गव, आभा आमेटा व प्रेमलता लोहार के सानिध्य में महिलाएं का दस्ता सवारी के आगे झाडू बुहारते हुए चलेगा तथा आभा आमेटा व रीता गुप्ता के सानिध्य में फागनियां वेश में मंगल कलश लेकर चलेगी।
प्रवक्ता गोपाल लोहार ने बताया कि विशेष आर्कषण के रूप में ओगडी माई की धुनी की प्रतिक स्वरूप एक विशाल धुना यात्र में चलेगा जिसमे विशेष रूप से तैयार हवन सामग्री द्वारा आहुति देते हुए चलेगी। इसके साथ विशाल भगवान भोलेनाथ का त्र्शिुल रहेगा जो तकरीब 8 फीट लम्बा व 3 फीट चौडा होगा। विश्व कल्याण, देश में सुख-शान्ति, मेवाड क्षेत्र् के सम्पूर्ण सुख-समृद्धि के लिए धूना का आयोजन किया जा गया है। जिसमें आमजन भी मार्ग में धूनी में आहुतियां देकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे।
आयोजन की सम्पूर्ण तैयारी के सम्बन्ध में अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया तथा सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि विभिन्न समितियों के द्वारा यात्र के सम्बन्ध में सम्पूर्ण तैयारियां पूर्ण कर ली गई है तथा बडी संख्या में भक्तजनों, आमजन, पुरूष-महिलाएं विभिन्न संगठन, समाज यात्र में शामिल होंगे। यात्र मे व्यवस्था बनाए रखने के लिए रूद्र सेना व रूद्र वाहिनी के कार्यकर्ता तथा विभिन्न संगठन के कार्यकर्ता के द्वारा भी यात्र के दौरान मार्ग में व्यवस्था बनाए रखने में अपना सहयोग देंगे। शाही सवारी में 55 भव्य चिताकर्षण झांकिया शामिल होगी जिसमे भगवान महादेव का मूल सौम्य स्वरूप विशेष आर्कषण का केन्द्र रहेगा।
प्रथम पूज्यनीय विघ्नहर्ता गणपति की वि६ो८ा निर्मित 8 फूट की विशाल मूर्ति शाही सवारी की अगवानी करते हुए मार्ग प्रशस्त करेगी। साथ में वि८ााल ७ोर पर विराजमान मां जगदम्बा, भगवान कार्तिकेय तथा वि६णु अवतार भगवान पर८ाुराम की झांकी वि८ो६ा चित्ताक६ार्क होगी।
साथ ही प्रवक्ता महिपाल शर्मा व विनोद शर्मा ने बताया कि शाही सवारी में सबसे आगे चलेगी तथा इस बार महर्षि दधीचि तथा भगवान महाकालेश्वर मंदिर स्थित योगी श्री भोलनाथ जी बावजी व उनके परम शिष्य श्री योगी श्री लहरनाथ जी बावजी की तस्वीर स्वरूप झांकी चलेगी।
सचिव चन्द्रशेखर ने बताया कि शाही सवारी के साथ इस बार मेवाड अंचल के आदिवासी समाज व वनांचल निवासी सेकडो की संख्या में भगवान रूद्र के गण के रूप में अमृत भगोरा व देवीलाल दाणा के नेतृत्व में पारम्परिक वेशभूषा में थाली- मादल, ढोल नगाडे बजाते हुए पारम्परिक लोकगीत, लोकनृत्य गवरी का प्रस्तुतिकरण करते हुए साथ चलेगे।
बैठक में भंवरलाल सुथार, पुरूषोत्तम जीगनर, योगेशगिरी गोस्वामी, शंकर कुमावत, रमेश सोनी, ओम सोनी, सुरेन्द्र मेहता यतीन्द्र दाधीच, पुरूषोत्तम परिहार, आदि बडी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे।
12 अगस्त को बडी संख्या में भक्तों के आने की वजह से निज मंदिर में प्रातः 10.15 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक प्रवेश बंद रहेगा।