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हनुमानगढ़। राजस्थान के रेगिस्तानी भूभाग जैसलमेर में गोडावण व हिरणों और अन्य वन्यजीवों की रक्षा को जीवन का धर्म मानने वाले पर्यावरण और वन्य जीव प्रेमी राधेश्याम पेमाणी धोलिया, श्याम प्रसाद बिश्नोई, कंवराज सिंह भादरिया भाटी, वनरक्षक सुरेन्द्र चौधरी के वन्य जीवों की रक्षा के दौरान सड़क हादसे में निधन पश्चात आज गुरुवार को जिला मुख्यालय पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी स्मृति में पौधारोपण किया गया। मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कलेक्ट्रेट-जिला परिषद् चौराहे से जोड़किया फाटक रोड़ पर सिविल लाइन्स में एफ ब्लॉक पार्क के नजदीक और डिवाइडर के मध्य एससी-एसटी सेल सीओ रणवीर साईं, एस आई रचना बिश्नोई, राष्ट्रीय तेजवीर सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल जान्दू, समिति अध्यक्ष लाधू सिंह भाटी के द्वारा टी गार्ड सहित 30 पौधों का रोपण किया गया। दिवंगत वन्य जीव प्रेमियों की आत्मिक शांति हेतु दो मिनट के मौन पश्चात एससी-एसटी सेल सीओ रणवीर साईं ने कहा कि पोकरण लाठी के इन वन्य जीव प्रेमियों का सड़क दुर्घटना में देहांत होना एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के गोडावण संरक्षण में अग्रणी कार्यकर्ताओं में इनको गिना जाता रहा है । इन्होंने 2018 से अब तक रेगिस्तानी जीवों के संरक्षण को लेकर 50 से अधिक जल संरचनाएं बनवाई। घायल जानवरों का इलाज किया।गिद्ध, चिंकारा, नीलगाय, लोमड़ी जैसे जीवों को पुनर्जीवित किया। शिकारियों के खिलाफ कई बार पुलिस और वन विभाग को सहयोग दिया। इन जैसे पर्यावरण और वन्य जीव प्रेमियों को राज्य के प्रत्येक जिले में होना चाहिए। इन महान आत्माओं को शत-शत नमन। एस आई रचना बिश्नोई ने कहा कि मानव उत्थान सेवा समिति के सदस्य साधुवाद के पात्र है। जिन्होंने उन महान व्यक्तित्व की आत्माओं को हनुमानगढ़ की धरा पर स्मरण किया। उन दिवंगत आत्माओं का सपना था कि “रेगिस्तान की हर साँस लेने वाली आत्मा सुरक्षित रहे।” बिश्नोई समुदाय में जन्मे राधेश्याम बचपन से ही वन्य जीवों के लिए संवेदनशील थे। जैसलमेर के ग्रामीण क्षेत्र में रहते हुए उन्होंने आधुनिक प्रशिक्षण लेकर स्वयं को “वन्यजीव रक्षक” के रूप में विकसित किया। उन्होंने न केवल खुद काम किया, बल्कि कई युवाओं को भी इस कार्य से जोड़ा। राष्ट्रीय तेजवीर सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल जान्दू और समिति अध्यक्ष लाधू सिंह भाटी ने कहा कि जिला मुख्यालय पर लगाए गए ये 30 पौधे जब तक वटवृक्ष बनेंगे उन दिवंगत आत्माओं की स्मृति हनुमानगढ़ के पर्यावरण में घुल कर हमे पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रेरित करती रहेंगी। आज वन्यजीव संरक्षण आंदोलन के एक स्तंभ को एक भारी क्षति हुई है। गोडावण के आकाश में एक सन्नाटा गूंज रहा है। इस अवसर पर लोकराज शर्मा, नरेश सिहाग मुंसरी, सदर थाना पुलिसकर्मी सुभाष मांझू, सुरेंद्र सिंह सैनी, विपिन शर्मा, सुरेश महला, पृथ्वी सिंह गोदारा, राजा राम बिश्नोई, रमेश शाक्य, अजय कुमार, सार्थक शर्मा आदि उपस्थित रहे।