गिट्स में ’’कॉर्पोरेट लीडरषिप इन द मिलेनियमःइमरजिंग पैराडिस्म‘‘ पर अन्तर्राश्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
गीतांजली इन्स्टिटियूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज, उदयपुर ’में ’’कॉर्पोरेट लीडरषिप इन द मिलेनियमःइमरजिंग पैराडिस्म‘‘ पर एक दिवसीय अन्तर्राश्ट्रीय सेमिनार का आयोजन एम.बी.ए. विभाग के तत्वाधान में किया गया। कार्यक्रम की षुरूआत अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्जवलन करके षुरू हुई। इस सेमिनार का मुख्य उद्देष्य विद्यार्थियों को २१ षताब्दी के कॉर्पोरेट जगत में लीडरषिप का क्या महत्व हैं तथा लीडरषिप के माध्यम से विद्यार्थी कैसे आगे बढकर देष व समाज की सेवा कर सकते ह, उसके बारे में बताना था।
एम.बी.ए. निदेषक डॉ. पी.के. जैन ने बताया कि इस अन्तर्राश्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. एस.एस. लोढा (प्रोफेसर ऑफ मार्केटिंग, स्कूल ऑफ बिजनेस साउथन कनेक्टिीकट स्टेट विष्वविद्यालय न्यू हेवन,यु.एस.ए.) ने षिरकत किया। अपने उद्बोधन में प्रो. लोढा ने कहा कि कोई भी संस्था व देष तभी सफल हो सकता हैं जब वहां पर अच्छी लीडरषिप हो । बिना लीडरषिप के संस्था या देष दिषाहीन नाव की तरह होती हैं। अपनी बात आगे बढाते हुए डॉ. लोढा ने कहा कि लीडरषिप एक युनिक क्वालिटी ह। एक लीडर में इमानदारी, आत्मविष्वास, काम के प्रति प्रतिबद्धता, अच्छा संचारक, डिसीजन मेकिंग योग्यता तथा वह क्रिएटीव होना चाहिए। साथ ही सबसे खास बात सभी के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला होना चाहिए। डॉ. लोढा ने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर लीडरषिप के कारण ह वाले बदलाव पर विस्तार से चर्चा की।
संस्थान के निदेषक डॉ. विकास मिश्र ने लीडर बनने के विभिन्न परिस्थितियों पर प्रकाष डालते हुए कहा कि सिर्फ टैलेंट की वजह से आदमी लीडर नहीं बनता उसके लिए टैलेंट के साथ-साथ एटीट्यूड होना चाहिए । लीडर का एक प्रमुख मापदण्ड होता हैं कि वह विपरित परिस्थितियों में भी अपनी टीम का हौंसला अफजाई करना नहीं छोडता हैं।
प्रो. राजीव माथुर ने गिट्स की एचीवमेंट के बारे में बताते हुए कहा कि कैसे गिट्स समाज में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए दक्षिणी राजस्थान में अपना अग्रणी स्थान बनाए हुए हैं। अन्त में एम.बी.ए. विभागाध्यक्ष प्रो. विवेक षर्मा द्वारा सभी को धन्यवाद प्रेशित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ कनिका चौधरी ने किया।
इस कार्यक्रम का लाभ वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड सहित सभी विभागाध्यक्ष व गीतांजली परिवार ने उठाया।
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