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हिन्दुस्तान जिंक की पहली तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा

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20 Jul 19
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हिन्दुस्तान जिंक की पहली तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा

जस्ता-सीसा एवं चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक ने आयोजित अपनी निदेशक मण्डल की बैठक में ३० जून, २०१९ को समाप्त पहली तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की।

कंपनी की प्रमुख उपलब्धियां ः-

वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में २१९,००० टन रिफाइन्ड धातु उत्पादन हुआ जो कि गतवर्ष की पहली तिमाही की तुलना में ३ प्रतिशत अधिक है

वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में १५९ टन चांदी का उत्पादन जो गतवर्ष की समान तिमाही की तुलना में १५ः  अधिक है।

वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में २१३,००० टन खनित धातु का उत्पादन जो गतवर्ष की समान तिमाही की तुलना में १ प्रतिशत अधिक है।

हिन्दुस्तान जिंक की चेयरमैन श्रीमती किरण अग्रवाल जी ने बताया कि ’’कंपनी की विस्तार परियोजनाएं ट्रेक पर है और जैसा कि वे पूरी होने वाली है, एक सस्टेनेबल ऑपरेशन्स उद्योग नेतृत्व के रूप में हमारी स्थिति मजबूत हुई है। हम विश्व स्तरीय परिसंपत्तियों के साथ सबसे कम लागत वाले उत्पादकों में से एक हैं जो किसी भी बाजार वातावरण में हमारे सभी स्टेकहोल्डर्स को उच्च रिटर्न प्रदान कर सकते हैं।‘‘

हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुनील दुग्गल ने बताया कि ’’हमें उम्मीद है कि आगामी तिमाहियों में उत्पादन में वृद्धि होगी और साथ ही आंतरिक क्षमता, टेक्नोलॉजी एण्ड डिजिटाईजेशन के प्रयासों से उत्तरोत्तर लागत में कमी आएगी। जैसा कि हमने अपनी वार्षिक क्षमता १.२ एमटीपीए से १.३५ एमटीपीए विस्तार करने की ओर प्रयास शुरू कर दिये हैं। इसके लिए हमने भावी सुरक्षा के लिए मौजूद भण्डारों और नए अयस्क बॉडीज की क्षमता का फायदा उठाने के लिए एक्सप्लोरेशन के कार्य को गति दी गई है।‘‘

हिन्दुस्तान जिंक के कार्यवाहक मुख्य वित्तीय अधिकारी श्री स्वयं सौरभ ने बताया कि ‘‘हम अपने भावी ऑपरेशन्स को डिजिटल परिवर्तन और पर्यावरण के अनुकूल तथा लागत प्रभावी टेक्नोलॉजीज के माध्यम से तैयार करने के लिए निवेश कर रहे हैं ताकि अयस्क से धातु अनुपात को बढया जा सके। हमारी बैलेंस शीट जीरो डेब्ट के साथ भारत में एक सबसे मजबूत स्थिति में है तथा हमारे पास सुदृढ नकदी रूपांतरण प्राप्त करने के लिए अनुशासन ऑपरेशन्स है।‘‘

वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में २१३,००० टन खनित धातु उत्पादन हुआ जो कि गतवर्ष की  पहली तिमाही की तुलना में १ प्रतिशत अधिक है जो लोवर ग्रेड से १० प्रतिशत हायर अयस्क उत्पादन के कारण संभव हुआ है।

वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के दौरान २१९,००० टन एकीकृत धातु का उत्पादन हुआ जो गतवर्ष की तुलना में ३ प्रतिशत अधिक है। खनित धातु उत्पादन के साथ १७२,००० टन एकीकृत जस्ता धातु का उत्पादन हुआ है। इस तिमाही में ४८,००० टन एकीकृत सीसा धातु का उत्पादन हुआ जो गतवर्ष की तुलना में १३ प्रतिशत अधिक है। तिमाही के दौरान १५९ मैट्रिक टन एकीकृत चांदी का उत्पादन हुआ जो गतवर्ष की तुलना में १५ प्रतिशत अधिक है जो उच्चतर सीसा के परिणामस्वरूप संभव हुआ है।

वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के दौरान कंपनी ने ४,९८७ करोड रु. का राजस्व अर्जित किया तथा पहली तिमाही में कंपनी ने १,७६५ करोड रु. का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।

सिंदेसर खुर्द में, शाफ्ट पूरी तरह से प्रारंभ हो गया है तथा खदान के साथ एकीकृत है। जून माह में दूसरा पेस्ट फिल प्लांट चालू हो गया, जिससे खदान को पूर्ण उत्पादन क्षमता से काम करने की स्वतंत्रा मिली है।

रामपुरा आगुचा में शाफ्ट परियोजना का कार्य प्रगति पर है और वित्तीय वर्ष २०२० की तीसरी तिमाही में पूरा होने की संभावना है।

जावर में भारत का पहला ड्राई टेल स्टैकिंग प्लांट चालू तिमाही में प्रारंभ हो जाएगा, जिससे पानी की खपत और भूमि की आवश्यकता को कम किया जा सकेगा।

इसके अतिरिक्त, दो पेस्ट फिल प्लांट वित्तीय वर्ष २०२० की तीसरी तिमाही में चालू करने के लिए कार्य प्रगति पर है।

राजपुरा दरीबा में, मौजूदा उत्पादन शाफ्ट की क्षमता को ०.७ से १.३ एमटीपीए तक बढाकर डीबोटलनेक में अपग्रेड किया जा रहा है जो वित्तीय वर्ष २०२० की चौथी तिमाही तक पूरा होने की संभावना है। इसके अलावा, अयस्क उत्पादन की क्षमता में वृद्धि के लिए भूमिगत से मिल तक अयस्क को पंप करने के लिए एक प्रि-फिजीबिल्टी अध्ययन किया गया है।

स्मेल्टर डीबोटलनेक का विस्तार कार्य प्रगति पर है जो १.२ एमटीपीए से १.१३ एमटीपीए चालू तिमाही में पूरा हो जाएगा। फ्यूमर का कमीशनिंग पहले ही प्रारंभ हो चुका है। 

कंपनी की अगले चरण की खदान विस्तार योजना के अनुसार उत्पादन क्षमता १.२ से १.३५ एमटीपीए करने का कार्य प्रगति पर है। विकास क्षमता एवं ग्रेड में सुधार, टनभार में वृद्धि, रिकवरीज में सुधार तथा भण्डारों में वृद्धि का मूल्यांकन करने के लिए प्रयास प्रारंभ कर दिया गया है। इस अध्ययन के पश्चात् परियोजना प्रबन्धन कार्यालय (पीएमओ) की भागीदारी से स्कूपिंग एण्ड फिजीबिल्टी होगी। अध्ययनों और स्कूपिंग का कार्य वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही तक पूरा हो जाने संभावना है।

 

 

 

 


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