उदयपुर, "वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान" के अंतर्गत शनिवार की मादड़ी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित उदयपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (यूसीसीआई) सभागार में जिला स्तरीय सीएसआर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि उदयपुर की पहचान इसकी झीलों और जल-संस्कृति से है। यह विडंबना है कि हम अनावश्यक वस्तुओं को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन जीवन के सबसे आवश्यक तत्व पानी को नजरअंदाज करते हैं। हमें इसकी महत्ता को समझना होगा और हर व्यक्ति को इसके संरक्षण की दिशा में जागरूक करना होगा। उन्होनें उद्यमियों का आह्वान किया कि वे सीएसआर के माध्यम से जुड़कर वंदे गंगा अभियान में अपनी अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित कर जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, झीलों के संरक्षण एवं पुराने जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्द्धन में अपना योगदान दें। उन्होने उपस्थित उद्यमियों को जल संरक्षण की शपथ भी दिलाई।
यूसीसीआई के अध्यक्ष मनीष गलुण्डिया ने प्रशासन को यह विश्वास दिलाया कि सभी उद्यमी वन्दे गंगा जल संरक्षण अभियान में राज्य सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य करेंगे। जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र के महाप्रबंधक शैलेन्द्र शर्मा ने उपस्थित सभी उद्यमियों एवं अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला में यूडीए आयुक्त राहुल जैन, प्रशिक्षु आईएएस सृष्टि डबास, निगम उपायुक्त दिनेश कुमार मण्डोवरा, उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स समिति अध्यक्ष कपिल सुराणा, लघु उद्योग भारती अध्यक्ष राजेन्द्र सुराणा, एसएसआई एसोसिएशन अध्यक्ष वाई.एस. सिंघवी एवं यूसीसीआई पूर्व अध्यक्ष एम.एल. लुणावत सहित कई अन्य उद्यमी उपस्थित रहे।
जल संरक्षण योजनाओं और तकनीकों पर प्रकाश डाला
कार्यशाला का प्रारम्भ मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के संदेश के प्रसारण के साथ हुआ। वाटरशेड विभाग के अधीक्षण अभियंता अतुल जैन ने विभाग की ओर से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 के तहत जल संरक्षण संरचनाओं, योजनाओं और गतिविधियों की जानकारी साझा की। भू-जल विभाग की नोडल अधिकारी मोनिका राठौड़ ने जल संरक्षण की विभिन्न पद्धतियों और उनके प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए जल के महत्व को रेखांकित किया। वाटर हार्वेस्टिंग एक्सपर्ट महेष गढ़वाल ने भूजल स्तर को बढ़ाने के उपायों की जानकारी दी। रीको के वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक अजय पण्डया ने बताया कि रीको औद्योगिक क्षेत्र में 500 वर्ग मीटर के अधिक के भूखण्डों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्टर बनाया जाना अनिवार्य है। उन्होंने सभी उद्यमियों से फैक्ट्री में जल संचय के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की अपील की। जिला परिषद सीईओ रिया डाबी ने उद्यमियों से अपील की कि वे सीएसआर के माध्यम से इस अभियान से जुडे एवं इसका हिस्सा बनें। उदयपुर जिले में भूजल स्तर निरन्तर कम होता जा रहा है। नागरिक के रूप में यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम जल संरक्षण अभियान में सहभागी बनें।