उदयपुर। साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं वैचारिक मंच युगधारा की ओर से राजस्थानी भाषा में साहित्य सृजन के लिए दिए जाने वाले धींग पुरस्कार 2024-25 घोषित कर दिए गए हैं। स्व. कन्हैया लाल धींग पुरस्कार राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार नाथद्वारा के लाल मादड़ी निवासी माधव नागदा को प्रदान किया जाएगा वहीं स्व उमराव देवी धींग साहित्योदय पुरस्कार उदयपुर की मीनाक्षी पंवार को दिया जाएगा।
युगधारा संस्थापक डॉ ज्योतिपुंज ने बताया कि बंबोरा निवासी डॉ दिलीप धींग अपने पिता स्व. कन्हैयालाल धींग एवं अपनी माता स्व उमराव देवी धींग की स्मृति में
प्रतिवर्ष दोनों पुरस्कार प्रदान करते हैं। युगधारा संस्था के बैनर तले स्व. कन्हैयालाल धींग पुरस्कार पिछले 21 वर्षों से प्रदान किया जा रहा है। वहीं स्व उमराव देवी धींग साहित्योदय पुरस्कार 2017 से लगातार प्रतिवर्ष दिया जा रहा है। डॉ दिलीप धींग के माता- पिता साहित्य अनुरागी होते हुए राजस्थानी भाषा के आगीवाण थे। डॉ धींग स्वयं लेखन एवं साहित्य के क्षेत्र में वृहद हस्ताक्षर हैं। कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से पुरस्कृत डॉ धींग प्राकृत भाषा के विद्वान हैं। 12 दर्जन से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन आपके नाम है।
संस्था अध्यक्ष किरण बाला 'किरन' ने बताया कि इस वर्ष कन्हैया लाल धींग राजस्थानी पुरस्कार के लिए चयनित राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार माधव नागदा की 15 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्होने कई पुस्तकों का अनुवाद कार्य भी किया है। साथ ही संपादन के क्षेत्र में वे सक्रिय रहे हैं। नागदा को राजस्थान साहित्य अकादमी का सुमनेश जोशी पुरस्कार सहित अन्य कई प्रतिष्ठित पुरस्कार एव सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। उमराव देवी धींग साहित्योदय पुरस्कार के लिए चयनित मीनाक्षी पंवार की पुस्तक हाल ही में राजस्थान साहित्य अकादमी के अनुदान से प्रकाशित हुई है। विविध प्रकार की साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय पंवार शिक्षा विभाग में अतिरिक्त शासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।