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एक विशिष्ट आध्यात्मिक प्रक्रिया है योग" - आचार्य शंकर

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03 Jun 25
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एक विशिष्ट आध्यात्मिक प्रक्रिया है योग" - आचार्य शंकर

पतंजलि योग परिवार उदयपुर द्वारा मनवाखेड़ा स्थित वीरवाल जैन समाज छात्रावास में 18 मई 2025 से सतत चल इंटीग्रेटेड सह-योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर में नित्य नया अध्याय के साथ आगे प्रगति कर रहा हैं।

संवाद प्रभारी एवं योग साधक जिग्नेश शर्मा ने बताया कि योगीजनों में योग के प्रति सकारात्मक उत्साह एवं उमंग को देखा जा रहा हैं। इंटीग्रेटेड सह-योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर के साथ जिला स्तरीय योग प्रोटोकॉल का पूर्वाभ्यास योग प्रशिक्षिका लक्ष्मी मीणा ने प्रार्थना, वार्मअप, सूक्ष्म यौगिक क्रिया, सूर्य नमस्कार, स्कंद चालन, दंडासन, वज्रासन, भद्रासन, मंडूकासन, कटी सौंदर्यासन, उष्ट्रासन, अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी आदि आसन एवं प्राणायाम का अभ्यास करवाया।

 

"योग क्या है एवं क्यों करना चाहिए" इस विषय पर वेदाचार्य व्याकरणाचार्य विद्यावाचस्पति शंकर लाल "मर्मट" ने जीवन्त उदाहरणों के साथ सारगर्भित विवेचना विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि योग प्राचीन भारतीय ऋषिमुनियों और तत्त्ववेत्ताओं द्वारा प्रतिपादित एक विशिष्ट आध्यात्मिक प्रक्रिया है।

 

आचार्य शंकर लाल "मर्मट" हॉलैंड, जर्मनी, सिंगापुर, थाईलैंड, सूरीनाम तथा अमेरिका आदि देशों में योग तथा ध्यान पर प्रवचन देकर अपने ज्ञान का परचम फहराया हैं। शिविर में योगीजनों में योग के प्रति जिज्ञासा पैदा कर साथ ही प्रश्नोत्तरी के माध्यम से शंका का समाधान भी किया।

भारत स्वाभिमान न्यास के जिला प्रभारी मोहन सिंह शक्तावत ने बताया कि योग का अनवरत अभ्यास निरोगी काया का निर्माण करता है। पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी मुकेश पाठक ने आभार व्यक्त करते हुए आगमी दिवसों की कार्य योजना पर प्रकाश डाला। 

 

योग शिविर में पतंजलि परिवार उदयपुर के मुकेश पाठक, मोहन सिंह शक्तावत, नरेश पालीवाल, जिग्नेश शर्मा, लोकेश मीणा, नाथूलाल धींग, अरविंद बापना, गणपत लाल चितारा, देवीलाल चंदेल, राहुल वैरागी आदि योगाचार्यगण इस अभियान में सक्रिय रूप से सराहनीय कर रहे हैं।


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