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मुस्कान क्लब साप्ताहिक विशेष में "एक शाम गीतों व ग़ज़लों के नाम" आयोजित

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27 May 25
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मुस्कान क्लब साप्ताहिक विशेष में "एक शाम गीतों व ग़ज़लों के नाम" आयोजित

मुस्कान वरिष्ठ नागरिक क्लब  (यूथ रिविजिटेड ) साप्ताहिक विशेष में "एक शाम गीतों व ग़ज़लों के नाम" आयोजित हुआ जिसमे 23 सुरमई प्रस्तुतियों ने समां बंधा | 

मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया की हाल ही मैं सदस्यों के सहयोग से लिये गये कराओके म्यूजिक सिस्टम ने सदस्यों मैं प्रस्तुतिया देने का नया जोश भर दिया | संचालक डॉ नरेश शर्मा ने बताया कि उपलब्ध समय अवधि में 35 में से 23 प्रस्तुतियां ही संभव हो पाई जिनका चयन चिट निकाल कर के के त्रिपाठी व सूरजमल पोरवाल द्वारा पारदर्शिता से किया गया | एम पी माथुर ने सभी प्रस्तुति को बराबर तीन मिनिट या दो अंतरे तक सीमित करते हुए सौहार्द पूर्वक अनुशासन बनाया |

ईश वंदना के पश्चात् पर्चियों के आधार पर प्रस्तुतियों मैं  नयनकुमार बडवा ( ये जो मोहब्बत है), दिलीप गबरानी ( चिट्ठी आई है), मधुबाला पंडित ( दीवाना हुआ बादल), मधु वर्डिया ( एक तेरा साथ), कुसुम त्रिपाठी (तुम अपना रंज- ओ- ग़म), शांति लाल गोदलिया ( पल पल दिल के पास), सपना वर्मा ( न दिन को सुकून है), मंजू सनाढ्य (जाने क्या तूने कही), एस. डी . कौशल ( जरा सुन हसीना), पराग सिंह भाटी ( बहारों से कह दो), मंजू गर्ग (दुनिया बनाने वाले), अशोक जोशी (तुम मुझे यूं), नीलिमा बेस (चलो इक बार), हेमा जोशी( है अपना दिल), नलिनी बंधु (रहें न रहें हम), महेंद्र सिंह खींची (ऐ मेरे प्यारे वतन), उम्मीद सिंह (सी हंसा), एम .पी .माथुर (ऐ जज़्बाए दिल), के. के. त्रिपाठी ( कोई सागर दिल को), अम्बा लाल साहू (जीवन से भरी), भगवान दस खिलवानि ( आप के हसीन रुख), तथा कमल जुनेजा ( चंद आहें भरेगा)|

कार्यक्रम के बीच नए सदस्यों का परिचय व स्वागत अभिनंदन भी किया गया। राष्ट्र गान के पश्चात कार्यक्रम समाप्त हुआ।


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