उदयपुर : महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने ‘उदयपुर दरबार में बने चित्रित और मुद्रित नक्शें’ की केटलॉग बुक का विमोचन किया। इस अवसर पर डॉ. मेवाड़ ने कहा कि प्रत्येक पुस्तक, प्रत्येक चित्र, प्रत्येक दस्तावेज, प्रत्येक ऐतिहासिक सूची आदि फाउण्डेशन के संग्रह में संरक्षित और सुरक्षित है, जो ऐतिहासिक महत्व एवं जानकारियों के खज़ानें हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय कला की पहचान किन्हीं सीमाओं तक सीमित न होकर सम्पूर्ण विश्व में अपनी अनूठी पहचान को कायम किए हुए है। भारतीय कला एवं संस्कृति पर आज कई देशों में गहन शोध किये जा रहे हैं, जो हम सभी के लिये गर्व के विषय हैं। कई देशों के विश्वविद्यालयों में भारतीय संस्कृति एवं कला के अलग से विभाग स्थापित हो चुके हैं, जहाँ विभिन्न विषयों पर शोधार्थी शोध कर रहे है। उदयपुर का सिटी पैलेस संग्रहालय विभिन्न शोध विषयक कार्यक्रमों और कार्य योजनों से देश के ही नहीं विदेशी शोधार्थी भी लाभान्वित होते है।
17वीं और 18वीं सदी में उदयपुर दरबार में बने चित्र, विदेशों में प्रदर्शनियों में प्रदर्शित होते रहे हैं, उनकी महत्वता और उपयोगिता को हम ही नहीं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के जानकार भी बहुत उपयोगी बताते हैं। फाउण्डेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि उदयपुर मेवाड़ के पहली चित्रित और मुद्रित नक्शों पर आधारित केटलॉग, महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर ने अमेरिका की गैटी फाउण्डेशन के सहयोग से प्रकाशित की है। गैटी फाउण्डेशन पिछले 20 वर्षों से कई प्रदर्शनियों, प्रकाशनों और प्राचीन पेपर वर्क कार्य योजनाओं को संरक्षित और सुरक्षित करने में बराबर महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन को सहयोग प्रदान करता रहा है। गैटी फाउण्डेशन की निदेशक डॉ. जोन वेन्स्टीन ने उदयपुर मेवाड़ की विभिन्न कार्य योजनाओं को सराहते हुए इन्हें वर्तमान तकनीकी के साथ बहुत कुछ सीखने वाली अमूल्य धरोहर बताया।
केटलॉग की सम्पादिका डॉ शेल्का मिश्रा ने उदयपुर मेवाड़ दरबार में बने इन नक्शों और चित्रों को ‘मेप्स एंड प्लेसेस: दी पेंटेड इमेज़’, ‘मेवाड़ किंगडम एंड ब्रिटिश टोपोग्राफिकल सर्वेजेस’, ‘सिटी ऑफ उदयपुर’, ‘रेल्वे क्रोनिकल्स: मेपिंग दी उदयपुर-चित्तौड़गढ़ रेल्वे’, लिस्ट ऑफ मेप्स इन दी सिटी पैलेस म्युजियम उदयपुर’ आदि विषयानुसार वर्गीकृत करते हुए सम्पादित किया है, जो जिज्ञासुओं और शोधार्थियों के लिये लाभप्रद साबित होगी।