GMCH STORIES

एनबीई मान्यता प्राप्त (एक्रेडिटिड) प्रजनन स्वास्थ्य पाठ्यक्रम अब इंदिरा आईवीएफ में शुरू

( Read 2188 Times)

13 Mar 24
Share |
Print This Page

एनबीई मान्यता प्राप्त (एक्रेडिटिड) प्रजनन स्वास्थ्य पाठ्यक्रम अब इंदिरा आईवीएफ में शुरू

उदयपुर। भारत में बांझपन उपचार अस्पतालों (इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट) के सबसे बड़े नेटवर्क, इंदिरा आईवीएफ ने प्रजनन चिकित्सा पाठ्यक्रम को भारत सरकार के नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) द्वारा प्रतिष्ठित फेलोशिप ऑफ नेशनल बोर्ड (एफएनबी) की ओर से मान्यता प्राप्त होने की घोषणा की। इसके तहत उदयपुर और पुणे के अस्पतालों को क्रमश: चार और दो सीटों की मान्यता प्रदान की गई है। कंपनी अगले पांच वर्षों में 100 एफएनबी उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने का इरादा रखती है, जिससे देश में प्रशिक्षित प्रजनन विशेषज्ञों (ट्रेन्ड फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट्स) की महत्वपूर्ण आवश्यकता के अंतर को दूर किया जा सके।
भारत में एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए असाधारण मानक निर्धारित करता है, और उन संगठनों को मान्यता प्रदान करता है जो इसके कड़े दिशानिर्देशों को पूरा करते हैं। मेडिकल स्नातक, जिनके पास प्रसूति एवं स्त्री रोग में डीएनबी/एमएस की डिग्री है, वे इस योग्यता (क्वॉलिफाइंग) परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। कुछ चयनित स्नातकों को एनबीई-मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों, संस्थानों या अस्पतालों में सीटें आवंटित की जाएंगी। नेशनल बोर्ड की फ़ेलोशिप - प्रजनन चिकित्सा पाठ्यक्रम को व्यापक पाठ्यक्रमों और कठोर प्रशिक्षण प्रोटोकॉल के लिए व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है, जो यह सुनिश्चित करता है कि प्रजनन चिकित्सा के क्षेत्र में पेशेवर विशेषज्ञों को उनकी क्षमता के अनुरूप उच्चतम मानकों का पालन करने में सहयोग कर सके। दो साल की फेलोशिप के दौरान, चयनित उम्मीदवारों को सैद्धांतिक (थियोरेटिकल), नैदानिक (क्लीनिकल), व्यावहारिक (प्रैक्टिकल) और संगोष्ठी प्रारूपों में विभाजित एक कठोर पाठ्यक्रम से गुजरना होगा, जो उन्हें ज्ञान, कौशल, व्यवहार, पुनर्वास देखभाल की डिलीवरी और अनुसंधान और प्रशिक्षण की पद्धति से परिचित कराता है।
इंदिरा आईवीएफ के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक नितिज़ मुर्डिया ने कहा कि हम प्रजनन चिकित्सा में भारत की अगली पीढ़ी के विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त करने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। मरीजों को तकनीकी रूप से समर्थित उपचार प्रदान करने के अलावा, इंदिरा आईवीएफ अस्पताल अपने अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ अनुसंधान और प्रशिक्षण की सुविधा से भी सुसज्जित हैं। मुर्डिया ने कहा कि हालिया अनुमानों के अनुसार, वर्तमान स्थिति में, देश में 1,950 स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं जो आईवीएफ उपचार करते हैं, हालांकि, 2028 तक मौजूदा उपलब्धता की तुलना में देश को 1.5-2 गुना अधिक विशेषज्ञों की जरूरत होगी। हालांकि राहत की बात यह है कि भारत में 35,000 से अधिक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, जो ऐसा कर सकते हैं। देश में आईवीएफ उपचार की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विशेषज्ञ बनने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा सकता है, वे ऐसा कर सकते हैं।
एनबीई द्वारा इंदिरा आईवीएफ को दी गई मान्यता चिकित्सा शिक्षा के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए विश्व स्तरीय प्रजनन उपचार प्रदान करने की कंपनी की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इसके लिए अपने मौजूदा प्रयासों में, इंदिरा आईवीएफ की अकादमिक शाखा, इंदिरा फर्टिलिटी एकेडमी (आईएफए) ने 150+ एंड्रोलॉजी तकनीशियनों, 200+ भ्रूणविज्ञानी और 350+ प्रजनन विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया है। अगले पांच वर्षों में, सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी उपचार की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए गैप को दूर करने के लिए कंपनी की लगभग 300 से 350 प्रजनन विशेषज्ञों को प्रशिक्षत करने की योजना है, जो निकट भविष्य में संभव है।

 

 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Udaipur News , Health Plus
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like