उदयपुर । बालश्रम मुक्त उदयपुर बनाने की दिशा मे जिला प्रशासन, उदयपुर द्वारा स्थानिय स्वयं सेवी सगंठनो के साथ मिलकर १ जून से ३० जून २०२३ तक पुनः अभियान संचालित किया जाएगा। अभियान में नियोक्ताओ के खिलाफ सख्त कार्यवाही के साथ बालश्रमिको के बेहतर पुनर्वास पर भी टिम गठित कर कार्य किया जाएगा। बाल विवाह की रोकथाम हेतु भी गत माह उदयपुर में काफी सार्थक परिणामों के साथ बाल विवाह रूकवाए गए एवं आगामी २७ जून २०२३ को पुनः सम्भावित बाल विवाह को रोकने हेतु प्रशासन सतर्क है। हमारा प्रयास रहेगा की उदयपुर को बाल अधिकारो के संरक्षण की दिशा में मॉडल जिला बनाए। उक्त विचार जिला कलक्टर सभागार में आयोजित जिला बाल संरक्षण ईकाई की त्रेमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर उदयपुर ताराचन्द मीणा ने व्यक्त किए।
इस अवसर पर राजस्थान बाल आयोग के सदस्य राजीव मेघवाल ने राजस्थान बाल आयोग द्वारा बाल श्रमिको के रेस्क्यू हेतु जारी गाइड लाईन की जानकारी दी।
राश्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार द्वारा संचालित ’’बालश्रम उन्मूलन अभियान’ के राजस्थान समन्वयक एवं पूर्व सदस्य राजस्थान बाल आयोग डाँ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने जानकारी देते हुए बताया की १२ जून को प्रति वर्ष बालश्रम निशेध दिवस मनाया जाता है इस वर्ष १ जून से ३० जून २०२३ तक पूरे राश्ट्र के चयनित जिलों में एक्षन मन्थ संचालित होगा जिसके तहत राजस्थान प्रदेश के कुल ७ जिलो का चयन किया गया है जिसमें उदयपुर जिला भी सम्मिलित है। इस पूरे माह में बालश्रम रेस्क्यू की निगरानी राश्ट्रीय स्तर तक सूनिष्चित कि जाएगी ताकि हर बच्चे का रेस्क्यू से पूनर्वास तक फोलोअप सूनिष्चित हो पाए।
इस अवसर पर अभियान की नोडल अधिकारी एवं सहायक निदेषक बाल अधिकारिता विभाग मीना शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियान के दौरान जिन दुकान या रेस्टोरेन्ट पर बाल श्रमिक नही मिलेंगे उन्हे ’’बालश्रम मुक्त स्थान’’ का प्रशंसा पत्र देने के साथ सम्मानित किया जाएगा एवं जहॉ बाल श्रमिक कार्य करते पाये गए उनके खिलाफ किषोर न्याय अधिनियम अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी।
बैठक के अन्त में अभियान के प्रचार-प्रसार हेतु निर्मित पोस्टर का विमोचन भी किया गया।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद उदयपुर विनय पाठक, सम्भागिय श्रम आयुक्त संकेत मोदी, शिक्षा विभाग से नेहा बंसल, बाल कल्याण समिति उदयपुर से कार्यवाहक अध्यक्ष यशोदा पण्डिया, सदस्य अकुर टंाक, डाँ संगीता राव एवं अंजना जोशी, ऐक्सेस टू जस्टिस कार्यक्रम के जिला समन्वयक नितिन पालीवाल, गायत्री सेवा संस्थान से आशिता जैन, किशोर न्याय बोर्ड, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग के प्रतिनिधि, चाईल्ड फण्ड इंण्डिया, फाँस्टर केयर सोसाइटी, लविना संस्थान सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।