उदयपुर । नई दिल्ली की इतिहास संस्था द्वारा मुम्बई के बच्चों को मेवाड भ्रमण करवाया गया। मेवाड भ्रमण के दौरान महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में बच्चों को आज सिटी पैलेस म्यूजियम का भ्रमण करवाया गया।
इतिहास संस्थान के साथ आए बच्चों को फाउण्डेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने मेवाड की भौगोलिक जानकारी प्रदान करते हुए मेवाड की अरावली पहाडयों, नदियों, झीलों, जंगल आदि की जानकारी दी। साथ ही मेवाड के महाराणाओं एवं उनके समय में हुए निर्माण कार्य, मेवाड की वास्तु एवं शिल्पकला आदि पर भी विस्तृत जानकारियां प्रस्तुत की।
महाराणा मेवाड हिस्टोरिकल पब्लिकेशन्स ट्रस्ट की ओर से मेवाड के विभिन्न प्रकाशनों और इनकी आवश्यकताओं को बताते हुए पब्लिकेशन्स ट्रस्ट के प्रबंधक गिरिराज सिंह ने बच्चों को मेवाड में महाराणाओं के समय में लिखे जाने वाले बहिडों की जानकारी दी जिनमें निर्माण कार्यों, बाग-बगीचों, महाराणाओं की यात्राएं, देशी-विदेशी मेहमानों, तीज-त्योहारों आदि के बारे में सविस्तार बच्चों से चर्चा की। बच्चों ने फाउण्डेशन द्वारा प्रकाशित हकीकत बहिडों की पुस्तकों को देख गहन रुचि दिखाई। इतिहास संस्था द्वारा बच्चों को मेवाड भ्रमण में उदयपुर, हल्दीघाटी, कुम्भलगढ, मोलेला, चित्तौडगढ की यात्रा करवाई।
इसके साथ ही फाउण्डेशन ने इतिहास संस्थान के साथ आए बच्चों के लिए मेवाड के हस्तनिर्मित विभिन्न पारम्परिक व्यवसायों की कार्यशाला भी आयोजित की। जिसमें ढाक के पत्तों से पत्तल-दोना, सिकलीगर कारीगर द्वारा हथियारों का निर्माण, ठठेरा द्वारा तांबा-पीतल के बर्तनों का निर्माण एवं पेंटिंग पर जानकारियां दी। बच्चों ने ढाक के पत्तल-दोने बनाकर बहुत आनंद लिया।