उदयपुर। जिला प्रशासन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त करने कि दिशा में संचालित अभियान के सकारात्मक परिणाम दिखे रहे हैं। यह आवश्यक है कि उदयपुर के आमजन भी अपनी सहभागिता एवं सहयोग इस मुहिम में दंे तभी शहर पूर्ण रूप से भिक्षावृत्ति मुक्त बनकर पूरे प्रदेश में मॉडल बन पाएगा। यह विचार जिला कलक्टर ताराचन्द मीणा ने भिक्षावृत्ति मुक्त उदयपुर अभियान के तहत जन-जागरूकता हेतु निर्मित पोस्टर विमोचन कार्यक्रम के पश्चात् जन-जागरूकता रैली को हरी झण्डी बताते हुए जिला कलक्टर कार्यालय में व्यक्त किए।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक मान्धाता सिंह राणावत ने बताया कि यह पोस्टर शहर के प्रमुख स्थलांे एवं चौराहेे पर लगेंगेे साथ ही ‘‘भिक्षा नहीं, सीख देवें‘‘ की थीम पर स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा पूरे शहर में रैली निकाली जा रही है।
अभियान के संयोजक डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बताया कि 2 नवम्बर 2022 से संचालित इस अभियान में आज तक 58 लोगों को रेस्क्यू कर चित्रकुट नगर स्थित पुनर्वास गृह में पुनर्वासित किया गया है साथ ही नियमित रूप से टीम अलग-अलग चौराहे पर समझाइश एवं रेस्क्यू कर रही है। आज जन-जागरूकता रैली शहर के चेतक चौराहे से देहलीगेट एवं हाथीपोल क्षेत्र में निकाली गई। इस अवसर पर बाल कल्याण समिति उदयपुर के अध्यक्ष ध्रुव कुमार कवीया, सदस्य सुरेश शर्मा, राष्ट्रीय मानवाधिकार विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविन्द जांगिड़, राहड़ा फाउन्डेशन की अध्यक्ष अर्चना सिंह, गायत्री सेवा संस्थान सहित पुलिस विभाग के प्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।