GMCH STORIES

संपूर्ण राजस्थान में लागू हो प्रशासन का स्वयंसेवी संस्थाओं का संवाद: मसीह

( Read 3931 Times)

25 Apr 22
Share |
Print This Page

संपूर्ण राजस्थान में लागू हो प्रशासन का स्वयंसेवी संस्थाओं का संवाद: मसीह

उदयपुर । राजस्थान जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने कहा है कि किसी भी क्षेत्र के समग्र विकास में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। राज्य सरकार भी किसी भी लोकहितकारी योजनाओं, कार्यक्रमों तथा बजट को तैयार करने से पूर्व फील्ड में कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं से फीडबैक लेती है ताकि योजना व कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
पाराशर शनिवार को जिला प्रशासन एवं राजस्थान पत्रिका के तत्वावधान में 23 से 25 अप्रेल तक नगर निगम सभागार स्वयंसेवी संस्थाओं के संग संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर पाराशर ने कहा कि सरकार की योजनाओं का सच्चा फीडबैक स्वयंसेवी संस्थाओं और फील्ड मशीनरी के माध्यम से ही मिलता है। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों को समग्र हित में बताया और इस प्रकार के प्रयोग को हर जिले में करने का सुझाव देते हुए इसके माध्यम से हर पात्र व्यक्ति को सरकार की योजनाओं व लोकहितकारी कार्यक्रमों का पूरा-पूरा लाभ दिलाने का आह्वान किया।
पाराशर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जन समस्याओं के प्रभावी निराकरण की दृष्टि से ग्राम पंचायत स्तर पर हर गुरुवार को जनसुनवाई की शुरुआत की जा रही है, इससे अधिकाधिक लोगों की समस्याओं का समाधान हो पाएगा।  
7 हजार एनजीओ का डिजिटल डाटा तैयार:
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केंद्र के अध्यक्ष मुमताज मसीह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में अनगिनत योजनाएं लागू की गई है जो कि विभिन्न विभागों, गैर सरकारी, स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा पहुंचाई जा रही है। इस प्रकार का संवाद पूरे राजस्थान में लागू करने के प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान भर के 7 हजार एनजीओ का डिजिटल डाटा तैयार है और वेब पोर्टल तैयार होते ही रजिस्ट्रेशन प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि केन्द्र द्वारा जिलेवार 10-10 एक्सपर्ट्स लोगों के साथ सेवा करने वाले लोगों को जोड़ा जा रहा है जिनके माध्यम से विभागीय योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाया जाएगा।
इस दौरान मसीह ने बताया कि राजस्थान में सभी एनजीओ, ट्रस्ट, फाउंडेशन, और गैर लाभ की समस्त संस्थाओं-कंपनियों को अब सरकारी अनुदान या सहायता प्राप्त करने के लिए स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केंद्र से अधिस्वीकरण आवश्यक होगा। मसीह ने कहा कि उनका विभाग स्वैच्छिक क्षेत्र की संस्थाओं को प्रोत्साहित भी करेगा साथ ही गुड गवर्नेंस के तहत जिम्मेवारी और जवाबदेही भी तय करेगा।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जनजाति परामर्शदात्री समिति के सदस्य लक्ष्मीनारायण पण्ड्या ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ शिक्षा व जागरूकता के अभाव के कारण नहीं मिल पाता है, इस प्रकार के संवाद के माध्यम से गैर सरकारी संगठनों को विभागीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना सराहनीय कदम है।
कार्यशाला में स्वागत उद्बोधन देते हुए जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि विभागीय योजनाओं  के माध्यम से लोक कल्याण की प्रदेश के मुख्यमंत्री की सोच को धरातल पर लाने की दिशा में यह संवाद मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस जनजाति अंचल में लोकहित के उद्देश्य से गठित बड़ी संख्या में गैर सरकारी संगठन कार्यरत है, इन्हें सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रोत्साहित करना ही इस संवाद का मुख्य उद्देश्य है।
जिला पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने संवादहीनता की स्थितियों को दूर करने में कार्यशाला को कारगर बताया और सभी गैर सरकारी संगठनों से आह्वान किया कि वे शिक्षा व विकास के उद्देश्य को प्राप्त करने में सहभागी बनें। इस दौरान उन्होंने पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक दल और महिला सुरक्षा सखी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
राजस्थान पत्रिका के संपादक डॉ. संदीप पुरोहित ने कहा कि जिला कलक्टर ताराचंद मीणा के ‘मिशन कोटड़ा’ के माध्यम से पिछले 75 वर्षों में जो नहीं हुआ, वो अब हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशाओं के अनुरूप अंतिम पायदान पर बैठे हर व्यक्ति को सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का पूरा-पूरा लाभ मिले इस दिशा में राजस्थान पत्रिका भी कार्य कर रहा है। उन्होंने इस संवाद को नए उदयपुर की तस्वीर तैयार करने वाला प्रभावी माध्यम बताया।
सेव द गर्ल चाइल्ड की ब्रांड एंबसेडर डॉ. दिव्यानी कटारा ने अपने संबोधन में जनजाति अंचल में शिक्षा व प्रोत्साहन के अभाव से प्रतिभाओं को मंच नहीं मिलने की बात कही और इस दिशा में जिला कलक्टर ताराचंद मीणा द्वारा चलाए गए ‘मिशन कोटड़ा’ को कारगर बताया। उन्होंने बताया कि शिक्षा व विकास पहुंचा तो एक दिन कोटड़ा क्षेत्र के बच्चें भी विविध क्षेत्रों में अपना परचम देश-दुनिया में फहराएंगे। कार्यक्रम में अभाव अभियोग समिति के सदस्य शंकर डंगायच भी मंचासीन थे। कार्यक्रम में आभार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक मान्धाता सिंह ने जताया।
जिले के समग्र विकास पर मंथन की हुई शुरूआत:
प्रशासन के संग स्वयंसेवी संस्थाओं का संवाद कार्यक्रम के माध्यम से शनिवार से सरकार की योजनाओं और लोकहितकारी कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ जिले के समग्र विकास में प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका पर विस्तार से मंथन शुरू हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी शंकाएं, समस्याएं व सुझाव प्रस्तुत किए। प्रथम सत्र में जनजाति विकास एवं चुनौतियां विषय पर संवाद हुआ जिसमें टीएडी उपायुक्त सुरेश खटीक ने पावर प्वाईंट प्रजेंटेशन के माध्यम से विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। इसी प्रकार टीएडी निदेशक सुधीर दवे ने खुले संवाद में आए प्रश्नों पर जिज्ञासाओं को शांत किया। द्वितीय सत्र में स्वास्थ्य सबका अधिकार विषय पर सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी और आरएनटी प्राचार्य डॉ. लाखन पोसवाल ने वार्ता प्रस्तुत की। तृतीय सत्र में सशक्त समृद्ध समाज के निर्माण में महिलाओं व बच्चों की भूमिका विषय पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या, उपनिदेशक पंकज द्विवेदी व मीना शर्मा ने संबोधित किया। इसी प्रकार चतुर्थ सत्र में  नागरिक सुरक्षा-पुलिस एक नागरिक मित्र विषय पर आयोजित संवाद कार्यक्रम को सेवानिवृत न्यायाधीश रामचन्द्र सिंह झाला, एसपी मनोज कुमार व डीवायएसपी चेतना भाटी ने संबोधन दिया।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Udaipur News ,
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like