उदयपुर, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण निदेशालय के तत्वावधान में प्रातः स्मरणीय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 425वीं पुण्यतिथि पर राजस्थान कृषि महाविद्यालय परिसर स्थित महाराणा प्रताप की भव्य अश्वारूढ़ प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
छात्र कल्याण अधिकारी डॉक्टर मुर्तजा अली सालोदा ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमपीयूएटि के माननीय कुलपति डॉक्टर नरेंद्र सिंह राठौड़ ने सर्वप्रथम महाराणा प्रताप की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की। माननीय कुलपति ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में प्रातः स्मरणीय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप को नमन करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि हमारे विश्वविद्यालय का नामकरण वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के नाम पर रखा गया है। उन्होंने राजस्थान सरकार द्वारा प्रस्तावित कोविड प्रोटोकोल के तहत आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित उच्चाधिकारियों एवं उपस्थित विद्यार्थियों से आह्वान किया कि हमें महाराणा प्रताप के नामरूप के अनुसार अपने विश्वविद्यालय की गरिमा को बनाना है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के आदर्शों को अपनाकर अपना चरित्र निर्माण करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए।उन्होंने विविध पहलुओं से प्रताप की चारित्रिक विशेषताओं को समझाया और बताया कि प्रताप की उर्जस्विता के कारण संपूर्ण विश्व में मेवाड़ का अपना एक अलग ही वर्चस्व है, लोग उदयपुर की धरती को सम्मान से देखते हैं।
डॉसालोदा ने बताया कि इस अवसर पर कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर केवल विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारी एवं कतिपय राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक छात्र छात्राएं एवं सीमित संख्या में कर्मचारी गण उपस्थित थे सभी ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। डॉ सलोदा ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट करते हुए कहां की वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के स्मरण मात्र से हम में अलग ही ऊर्जा का संचार होता है अतः हमें उनकी तेजस्विता को सर्वोपरि रखते हुए उनके आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए।