GMCH STORIES

पर्यटन उद्योग के भविष्य पर विचार जरूरी - मेहता

( Read 11247 Times)

05 May 20
Share |
Print This Page
पर्यटन उद्योग के भविष्य पर विचार जरूरी - मेहता

कोविड आपदा काल मे उदयपुर सहित राजस्थान के पर्यटन उद्योग के समक्ष चुनौती है   कि वह यह सोचे कि भविष्य में किस प्रकार पारिस्थितिकी अनुकूल , पर्यावरण व आमजन  रक्षक, पेड़ पहाड़ संरक्षक पर्यटन  संभव हो पायेगा।

यह विचार रविवार को आयोजित झील संरक्षण विषयक संवाद में उभरे। 

संवाद का आयोजन झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व गांधी मानव कल्याण समिति की ओर से किया गया।

संवाद में डॉ अनिल मेहता ने कहा कि  सोशल डिस्टेंसिंग, व्यक्तिगत व सामुदायिक स्वच्छता, होटल परिसर   व पर्यटन स्थल का नियमित कीटाणुशोधन, नियमित स्वास्थ्य जांच, सभी के द्वारा मास्क व दस्ताने का उपयोग व इनका उचित निस्तारण सहित कई नए व आवश्यक प्रोटोकॉल  के साथ ही पर्यटन व्यवसाय चल सकेगा। इसके लिए अभी से व्याहवारिक  तैयारियां व इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी परिवर्तन पर विचार प्रारम्भ करना चाहिए।

तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि देशी विदेशी पर्यटक  धार्मिक पर्यटन, प्रकृति पर्यटन, इतिहास पर्यटन इत्यादि उद्देश्यों से उदयपुर  संभाग में आते है । लेकिन बदली स्थितियों में इन सबको नए तरीके से परिभाषित करना व पर्यटकों की अधिकतम संख्या तय करना  जरूरी है।

नंद किशोर शर्मा ने कहा कि प्रवासी पक्षी  असली पर्यटक, जीवन देने वाले पर्यटक है। जल स्त्रोतों को स्वच्छ रखने से ही पक्षी आएंगे। अतः अब यह नीति बनानी होगी अधिकतम प्रवासी पक्षी उदयपुर के तालाबो झीलों पर आए। उनके  अनुपात को बनाये रखते हुए   ही मानव पर्यटन होना चाहिए।

पल्लब दत्ता ने कहा कि झीलों में महासीर मछली की पुनर्स्थापना के प्रयास तेज करने की जरूरत है।  दिगम्बर सिंह, रमेश राजपूत, कुशल रावल, द्रुपद सिंह ने भी विचार व्यक्त किये।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Udaipur News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like