उदयपुर । तेरह वर्षीय मासूम के साथ हुए दुष्कर्म एवं दिनांक १९ मार्च २०२० को मासूम पीडिता ने उदयपुर मुख्यालय स्थित राजकीय जनाना चिकित्सालय में बच्चे को जन्म दिया, मामले को गम्भीरता से लेते हुए राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राजस्थान सरकार के सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने जिला बाल कल्याण समिति एवं उदयपुर जिला प्रशासन से मामले की जानकारी ली।
आयोग द्वारा संज्ञान लेते हुए, आज राजस्थान बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनिवाल द्वारा पीडित बालिका को पूरा न्याय, पीडित प्रतिकार अधिनियम अन्तर्गत प्रतिकार दिलवाने एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश जारी किए गए है।
आयोग के सदस्य एवं जे. जे. प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बताया कि पोक्सो अधिनियम अन्तर्गत बच्चो के साथ हुए दुष्कर्म के मामलो या किसी भी यौन हिंसा के मामलो को छुपाना भी अपराध है। लगभग ९ माह पूर्व घटित हुई इस गम्भीर घटना की इतने लम्बे समय तक पुलिस प्राथमिकी का दर्ज नहीं होना, यह बतलाता है कि समाज में आज भी दोषियो को पकडने से ज्यादा समाजिक दबाव के चलते आमजन इसकी सूचना नहीं देते है। परन्तु यह भी कानूनन अपराध है। आयोग द्वरा पूरे मामले की जांच एवं उचित कार्यवाही हेतु नियमित फ्लो-अप लिया जाएगा।