उदयपुर । बार एसोसिएशन उदयपुर ने संक्रमित बीमारी कोरोना से निपटने के लिए सभी पक्षकारों एवं गवाहों से जिला न्यायालय परिसर में बिना काम न आने की अपील की है। कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से निर्णय लेकर इस बाबत सभी न्यायालयों को पत्र जारी कर प्रकरणों की सुनवाई में सहजता एवं संवेदनशीलता रखने की अपील की है।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया कि संक्रमित बीमारी (Infectious disease) कोरोना को लेकर उच्चतम न्यायालय व राजस्थान उच्च न्यायालय के साथ राज्य सरकार ने भी न्यायालय परिसर में अनावश्यक भीड़भाड़ एकत्रित न करने करने तथा आम आदमी को भीड़-भाड़ से दूर रहकर इस बीमारी (disease) से बचाव करने की अपील की है।
महासचिव चक्रवर्ती सिंह राव ने बताया कि बार एसोसिएशन ने अध्यक्ष मनीष शर्मा एवं कार्यकारिणी के सदस्य उपाध्यक्ष नीलांष द्विवेदी जिला सचिव राजेश शर्मा वित्त सचिव पृथ्वीराज तेली एवं पुस्तकालय सचिव धीरज व्यास के नेतृत्व में आज जिला न्यायालय परिसर में दिनभर माइक लगाकर माइक पर करो ना से बचाव के बारे में जागरूक किया गया अध्यक्ष मनीष शर्मा एवं साथी अधिवक्ताओं ने लोगों को मुंह पर मास्क बांधने तथा भीड़ में एकत्रित ना होकर स्वयं को बीमारी से बचाने के प्रति जागरूक किया और न्यायालय में आने वाले पक्षकारों एवं वकीलों को भीड़ में न रहने , अनावश्यक जाले परिसर में ना रहने तथा स्वयं को संक्रमित बीमारी से बचाने के लिए मुंह पर मास्क या रुमाल बांधकर रहने के प्रति जागरूक किया।
बार एसोसिएशन कार्यालय ने जिला एवं सत्र न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर बीमारी के डर से न्यायालयों में नहीं आप आने वाले पक्षकारों वकीलों एवं गवाहों के मामले में अवसर बंद न करने करने तथा न्यायालय प्रक्रिया में सहयोग करने की अपील की।
एसोसिएशन की तरफ से जिला एवं सत्र न्यायाधीश रविंद्र महेश्वरी को प्रेषित पत्र में अधिवक्ताओं को न्यायिक कार्य में सहयोग प्रदान करने बाबत आग्रह किया गया है पत्र में कहा गया है कि दुनिया भर में जानलेवा कोरोना वायरस फैल रहा है इस कारण जिला एवं सेशन न्यायालय सहित अधीनस्थ न्यायालय में यदि कोई अधिवक्ता एवं पक्ष कार मौसमी बीमारी एवं बुखार से पीड़ित होने के कारण न्यायालय में अपनी उपस्थिति नहीं दे सके तो अधिवक्ताओं के पक्ष कारण एवं अधिवक्ताओं के संदर्भ में कोई उचित कार्रवाई नहीं कर सहयोग प्रदान करें उल्लेखनीय कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार हाई कोर्ट के द्वारा Virus के संबंध में अधिवक्ताओं के अधिवक्ताओं एवं अधीनस्थ न्यायालय को का इलाज जारी की है कि जहां तक हो सके वहां तक किसी व्यक्ति को मौसमी बीमारी सर्दी जुकाम हो जाती है तो वह कोर्ट में प्रवेश नहीं करें।