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महात्मा गांधी स्मृती नाट्य समारोह

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07 Oct 19
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मोहन से मसीहा का प्रभावपूर्ण मंचन

भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर द्वारा महात्मा गॉधी के १५०वें जयन्ती वर्ष के अवसर पर आयोजित महात्मा गाँधी स्मृति नाट्य समारोह के दूसरे दिन नाटक

महात्मा गांधी स्मृती नाट्य समारोह

उदयपुर | भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर द्वारा महात्मा गॉधी के १५०वें जयन्ती वर्ष के अवसर पर आयोजित महात्मा गाँधी स्मृति नाट्य समारोह के दूसरे दिन नाटक ’’मोहन से मसीहा‘‘ का प्रभावपूर्ण प्रदर्शन किया गया ।

भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि नाटक मोहन से मसीहा दिनांक २ अक्टूबर को स्कूली बच्चों के प्रश्न से प्रारम्भ होता है, जिसमें बच्चे २ अक्टूबर का महत्व एवं महात्मा गांधी के जीवन से एक दूसरे को परिचित कराते है । इसी बीच अध्यापक बच्चों को महात्मा गांधी के जन्म स्थान, उनके पिता तथा माता के बारे में जानकारी देते है, तथा बताते है की बचपन में कुछ गलत बच्चों कि संगत में आकर महात्मा गांधी तम्बाकू एवं मांस मदीरा का सेवन करने लगे है । परन्तु थोडे ही समय बाद उन्हें लगा की यह सब गलत है और इसका प्रायश्चित करना चाहिए तो वह अपनी गलती  मानते है तथा एक पत्र लिख कर अपने पिता से माफी मांगते है। 

नाटक में महात्मा गांधी बेरिस्टर बनने हेतु  वकालत  करने के लिए दक्षिण आफ्रीका जाते   है । दक्षिण आफि्रका जाते समय ट्रेन में, ताँगेवाले द्वारा पिटाई करने कोढी की सेवा, बोअर युद्ध में जख्मी लोगों की सेवा तथा आश्रम बनाने के दृश्यों को प्रभावपूर्ण बनाया गया है । साथ ही नाटक में भारत में साबरमति आश्रम बनाने, चम्पारण में किसानों के दुख -दर्द, जालियाँ वाला बाग हत्याकांड, दाण्डी यात्रा, पूना के आगाखाँन महल में कैदी का जीवन तथा दिल्ली में बिरला मन्दिर में उनकी हत्या का दृश्य बहुत ही सशक्त बनाया है । उक्त नाटक का लेखन एवं निर्देशन भारतीय कला मण्डल के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने किया है । पात्रों के रूप में निम्न कलाकारों ने काम  किया है ।

वृद्ध गाँधी और सरपंच-प्रबुद्ध पाण्डेय, युवा गाँधी और रहीम-गंगेश्वर तिवारी, बालक गाँधी और अंग्रेज-ईशान टण्डन, पुतली बाई और औरत १ -अनुकम्पा लईक, औरत २-शिप्रा चटर्जी, कस्तूरबा और सुशीला नायर-मनीषा शर्मा, महादेव और नाथुराम गोडसे-योगेश गर्ग, महाराज और कोचवान-यशराज सोनी, मावजी बाई और राम-कल्याण वैष्णव, जनरल डायर-कुनाल मेहता, श्याम-प्रदीप साहू, राजा-रोहित राठौड, छात्र और भारतीय नौजवान- नवीन कुमार चौबीसा एवं बाल कलाकार - गितिशा पाण्डेय ने किया । नाटक में मंच परे लेखन परिकल्पना और निर्देशन-       डॉ. लईक हुसैन, मंच व्यवस्थापक- प्रबुद्ध पाण्डेय, प्रकाश परिकल्पना-कविराज लईक(रा.ना.वि.), वस्त्र विन्यास-अनुकम्पा लईक, नृत्य संयोजन- शिप्रा चटर्जी, संगीत परिकल्पना-गंगेश्वर तिवारी, संगीत संचालन-चेतन टिक्यानी एवं मंच सज्जा एवं परिकल्पना -प्रबुद्ध पाण्डेय एवं कविराज लईक ने किया है ।


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