उदयपुर । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस एवं महात्मा गांधी की १५० वीं जयन्ती समारोह के अवसर पर पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा ग्रामीण शिल्प और कला परिसर शिल्पग्राम को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने की पहल की गई है। शिल्पग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम में इस बात का ऐलान किया गया। इस अवसर पर पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. महेश शर्मा ने सिंगल प्लास्टिक के दुष्प्रभाव पर व्याख्यान दिया।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की १५० वीं जयन्ती पर भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ किये गये ’’प्लास्टिक मुक्त भारत‘‘ के अनुक्रम में शिल्पग्राम के बंजारा रंगमंच पर बुधवार सुबह विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि प्लास्टिक पर पूर्णतया रोक संभव नहीं है किन्तु सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोका जाना आज की सबसे बडी आवश्यकता है। सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। इंगलैण्ड और आयरलैण्ड के उद्धरण से उन्होंने कहा कि हमारी जल शुद्धि की प्रणाली को इतना सक्षम बनाया जाये कि हमें प्लास्टिक बोतल की आवश्यकता नहीं पडे और हमस सीधे नलों से पानी पी सकें।
उन्होंने कहा कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गांधी जयन्ती से प्रारम्भ किये गये इस अभियान की आज सर्वाधिक आवश्यकता है उन्होंने विाश्ेषकर सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग में जन सहयोग की अपील की। केन्द्र के प्रभारी निदेशक सुधांशु सिंह ने इस अवसर पर कहा कि शिल्पग्राम परिसर उदयपुर ही नहीं अपितु देश का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। लोक कला के इस प्रमुख केन्द्र को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिये लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने आगंतुकों से अपील की कि वे इस परिसर को प्लास्टिक मुक्त बनाने में सहयोग करें।
इस मौके पर केन्द्र के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ’’स्वच्छता अभियान‘‘ के अंतर्गत शिल्पग्राम परिसर में यत्र-तत्र बिखरे गुटखे के पाउच, प्लास्टिक आदि कचरा एकत्र कर कूडेदान में डाला। इस अवसर पर मांगणियार कलाकारों ने दो लोक गीत प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संयोजन दुर्गेश चांदवानी द्वारा किया गया।