उदयपुर । मन ही है जो व्यक्ति को बंधन में बांधता है। मनुष्य अगर *श्वर की शरण में जाय तो उसे मोक्ष मिलता है और सांसारिक मोह-माया में उलझ जाता है तो बंधन में बंध जाता है। ये विचार नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित दिव्यांगों के सहायतार्थ करोंद ,भोपाल (म.प्र) में चल रही सप्तदिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन मंगलवार को कथा वाचिका प्राची देवी ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि मन शिक्षा से नहीं दीक्षा से नियंत्रित होता है। दीक्षा का अर्थ है दिखाई देना। जब तक मनुष्य वास्तविक धर्म से नहीं जुड जाता तब तक उसका मन परिवर्तित नहीं हो सकता। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आस्था चैनल पर किया गया। संचालन निरंजन शर्मा ने किया।