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अंतरिक्ष में ऐतिहासिक छलांग

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11 Feb 16
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'एस्ट्रोसैट' और छह विदेशी उपग्रहों को लेकर जाने वाले रॉकेट का यहां सोमवार को प्रक्षेपण किया गया. रॉकेट का प्रक्षेपण सुबह ठीक 10 बजे किया गया. 44.4 मीटर लंबा और 320 टन वजनी ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान एक्सएल (PSLV-XL) यहां रॉकेट पोर्ट पर लांच पैड से अलग हुआ.

'एस्ट्रोसैट' देश का पहला बहु-तरंगदैर्ध्य वाला अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह है, जो ब्रह्मांड के बारे में अहम जानकारियां प्रदान करेगा. यह रॉकेट अपने साथ 1,513 किलोग्राम वजनी 180 करोड़ रुपए की लागत वाले भारतीय एस्ट्रोसैट उपग्रह के अलावा अमेरिका के चार और इंडोनेशिया तथा कनाडा के एक-एक उपग्रहों को ले गया है. एस्ट्रोसैट को पृथ्वी से 650 किलोमीटर की ऊंचाई पर कक्षा में स्थापित किया जाएगा.

आज छह विदेशी उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत अंतरिक्ष अनुसंधान की दिशा में 50 वर्ष पूरा कर लेगा. भारत अब तक शुल्क लेकर 45 विदेशी उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर चुका है. इसरो ने 2010 में एक साथ 10 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था, जिसमें भारत के दो काटरेसैट-2ए उपग्रह भी शामिल थे. आज भारत तीसरी बार एक साथ सात उपग्रहों का प्रक्षेपण किया. सात उपग्रहों को ले जाने वाला यह चार स्तरीय PSLV-XL रॉकेट 44.4 मीटर लंबा और 320 टन वजनी है.
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