अनुभवी अतनु दास अब भारत के शीर्ष तीरंदाज नहीं है लेकिन वह पिछले कुछ समय से खराब दौर से गुजर रही भारतीय रिकर्व तीरंदाजी टीम से आगामी एशियाईं खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने की जिम्मेदारी से पूरी तरह वाकिफ हैं। रिकर्व तीरंदाजी ओलंपिक खेलों का हिस्सा है। पिछले कुछ समय से जहां रिकर्व तीरंदाजी में गिरावट आ रही है वहीं गैर ओलंपिक कंपाउंड तीरंदाजी में भारतीय खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वर्ग में अब भारत के पास ओजस देवताले और अदिति स्वामी के रूप में दो विश्व चैंपियन है। पेरिस ओलंपिक से लगभग एक साल पहले आयोजित हो रहे एशियाईं खेलों में रिकर्व तीरंदाजों पर अधिक दबाव है जिसमें कोईं भी भारतीय विश्व रैंकिंग में शीर्ष -10 में नहीं है। भारत ने 2010 के ग्वांगझू एशियाईं खेलों के बाद से रिकर्व तीरंदाजी में कोईं व्यक्तिगत या टीम पदक नहीं जीता है।