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राजस्थान कृषि तकनीकी मिशन के तहत आरकेवीवाई व एमकेएसवाई योजनांतर्गत कृषि यंत्रों पर मिलेगा अनुदान

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12 Jun 23
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राजस्थान कृषि तकनीकी मिशन के तहत आरकेवीवाई व एमकेएसवाई योजनांतर्गत कृषि यंत्रों पर मिलेगा अनुदान


श्रीगंगानगरए,  बजट घोषणा वर्ष 2023-24 की अनुपालना में राजस्थान कृषि तकनीकी मिशन के तहत कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय कृषि विकास योजना तथा मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के अंतर्गत कृषकों को कृषि यंत्र क्रय करने पर अनुदान दिया जाना है। इस हेतु कृषि विभाग ने कृषि यंत्र अनुदान वितरण कार्यक्रम वर्ष 2023-24 के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
 कृषि विभाग श्रीगंगानगर के संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार डॉ. जी.आर. मटोरिया ने बताया कि कृषक के नाम पर कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व होना चाहिए। कृषक के स्वयं के नाम से भू स्वामित्व नहीं होने की स्थिति में या नामांतरण के अभाव में कृषक द्वारा स्वयं के पक्ष में भू स्वामित्व में नोशनल शेयर धारक का प्रमाण पत्र राजस्व विभाग से प्राप्त कर आवेदन के साथ प्रस्तुत किया जाता है तो ऐसे कृषक भी अनुदान हेतु पात्र माने जाएंगे। एक कृषक को विभाग की किसी भी योजना में एक प्रकार की कृषि यंत्र पर 3 वर्ष की कालावधि में केवल एक बार ही अनुदान देय होगा। एक कृषक को एक वित्तीय वर्ष में केवल एक ही कृषि यंत्र पर किसी भी एक योजना में अनुदान दिया जा सकेगा। ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्र क्रय करने के लिए आवेदक के स्वयं के नाम से ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है, आवेदक के स्वयं के नाम से न होकर परिवार के अन्य सदस्य के नाम से ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन होने की स्थिति में रजिस्ट्रेशन धारक का शपथपत्र देना अनिवार्य है।
 उन्होंने बताया कि ऑनलाइन किए जाने वाले आवेदन पत्र के साथ कृषक को नवीनतम जमाबंदी की नकल जो कि 6 माह से अधिक पुरानी ना हो सलंग्न करनी होगी। आवेदन हेतु जन आधार कार्ड संख्या देना अनिवार्य होगा। जिन कृषकों का जन आधार पर लघु एवं सीमांत कृषक श्रेणी में पंजीयन है उनको ही लघु एवं सीमांत कृषक मानते हुए अनुदान हेतु पात्र समझा जाएगा यदि जन आधार में लघु या सीमांत कृषक के पंजीयन की सुविधा नहीं हो तो ऐसी स्थिति में कृषकों को आवेदन के समय सक्षम स्तर से जारी लघु या सीमांत श्रेणी कृषक का प्रमाण पत्र साथ लगाना होगा। ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्र क्रय करने के लिए ट्रैक्टर की रजिस्ट्रेशन की प्रति या आवश्यक होने पर शपथ पत्र सलंग्न करना होगा। कृषक को क्रय किए जाने वाले कृषि यंत्र का कोटेशन सलंग्न करना अनिवार्य होगा।
 उन्होंने बताया कि कृषि यंत्रों की युक्तिसंगत बी.एच.पी. के अनुसार अनुदान देय होगा। कृषकों को अनुमोदित कृषि यंत्रों पर भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप निर्धारित सीमा तक अनुदान दिया जा सकता है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमांत एवं महिला कृषकों के लिए कृषि यंत्र की लागत राशि का अधिकतम 50 प्रतिशत तक एवं अन्य श्रेणी के कृषकों के लिए कृषि यंत्र की लागत राशि का अधिकतम 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। कृषकों को स्वीकृत अनुदान राशि का भुगतान केवल आवेदक के जन आधार से जुड़े खाते में ही देय होगा।
 उन्होंने बताया कि कृषक नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर अथवा स्वयं के स्तर पर राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार नंबर के माध्यम से आवेदन कर सकेगा। आवेदन पत्र को ई-प्रपत्र में भरा जाएगा एवं आवश्यक दस्तावेज को स्कैन कर अपलोड करना होगा। क्रय किए जाने वाले कृषि यंत्र का नाम एवं उसकी बी.एच.पी. श्रेणी का पोर्टल पर चयन करना होगा। आवेदक को आवेदन पत्र की प्राप्ति रसीद ऑनलाइन प्राप्त होगी एवं आधार में पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस प्राप्त होगा। आवेदन पत्र की ऑनलाइन जांच के समय आवेदन में कोई कमी पाए जाने पर आवेदक को आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर इसका एसएमएस भेजा जाएगा। आवेदक को 15 दिवस के अंदर राज किसान साथी पोर्टल पर कमी की पूर्ति करनी होगी अन्यथा 15 दिवस के बाद आवेदन निरस्त हो जाएगा। आवेदनकर्ता आवेदन के पश्चात राज किसान सुविधा मोबाइल एप पर अथवा राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन की स्थिति की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन प्रपत्र नहीं लिए जाएंगे।
 उन्होंने बताया कि राज्य के किसी भी जिले में पंजीकृत निर्माता या विक्रेता जिनकी सूची राज किसान साथी पोर्टल या राज किसान सुविधा मोबाइल एप पर प्रदर्शित हो, से कृषि यंत्र क्रय करने पर ही अनुदान देय होगा। कृषकों को कृषि यंत्रों पर अनुदान उनकी कुल लागत (मशीन/उपकरण की कीमत समस्त कर/लागू जी.एस.टी. सहित) पर देय होगा।
 उन्होंने बताया कि अनुदान उस कृषक को देय होगा जिसने गत 3 वर्षों में आवेदित कृषि यंत्र पर अनुदान नहीं लिया हो। जिले में श्रेणीवार ‘‘पहले आओ . पहले पाओ’’ के आधार पर ही ऑनलाइन वरीयता क्रम से आवेदनों का निस्तारण किया जाएगा, लेकिन जिले में आवेदन श्रेणीवार लक्ष्यों से डेढ़ गुना से अधिक प्राप्त होते हैं तो रेंडमाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के पश्चात् क्रय किए गए कृषि यंत्रों पर ही अनुदान देय होगा। प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के दिनांक से पहले क्रय किए गए कृषि यंत्रों पर कोई अनुदान देय नहीं होगा।
 उन्होंने बताया कि श्रीगंगानगर जिले में कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने हेतु मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 4212 कृषि यंत्रों पर अनुदान का भौतिक लक्ष्य दिया गया है। इसी मिशन के तहत पशुपालक किसानों को चाफ कटर हस्त चलित के 703 लक्ष्य एवं चाफ कटर पावर चलित के 1188 लक्ष्य तथा रिज बेड प्लांटर लाइट वेट के 47 लक्ष्य व हैवीवेट के 47 लक्ष्य प्राप्त हुए हैं जिससे जिले के अधिक से अधिक कृषक लाभान्वित हो सके।


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