श्रीगंगानगर । उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री आशुतोष गंगल ने बताया कि उत्तर रेलवे द्वारा ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन हासिल करने और विशेष रूप से कश्मीर घाटी में विद्युतकर्षण से रेलगाड़ी चलाने के लिए बनिहाल-श्रीनगर-बारमुला रेल सेक्शन के विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो गया है। उत्तर रेलवे ने प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर द्वारा 24 से 26 सितंबर तक किए गए वैधानिक निरीक्षण के बाद बनिहाल-श्रीनगर-बारामुला रेल सेक्शन को चालू कर दिया गया है। इस परियोजना को ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना द्वारा क्रियान्वित किया गया।
उन्होने बताया कि इस सेक्शन के विद्युतीकरण में एक अनूठा उदाहरण स्थापित हुआ है। इसके अंतर्गत पीरपंजाल पर्वत श्रेणियों में स्थित भारतीय रेलवे की सबसे लम्बी यातायात सुरंग (11.2 किलोमीटर) का भी विद्युतीकरण किया गया है। बर्फ से ढँकी कश्मीर घाटी में 1700 मीटर की ऊँचाई पर बनी सुरंग का विद्युतीकरण एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है। ओएचई के विशेष डिजाइन और 216 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा के अनुकूल विद्यत आपूर्ति करना व कंडक्टरों पर आईस लोडिंग के मद्देनज़र कश्मीर घाटी में रेलवे लाइन का सफलतापूर्वक विद्युतीकरण एक चुनौती थी। 3 फेज़ व 8 डिब्बों वाली एमईएमयू रेलगाड़ी द्वारा इस परीक्षण को 100 किलोमीटर प्रति घंटा पर सफलतापूर्वक पूरा किया गया ।
बनिहाल-बारामुला विद्युतीकृत सेक्शन का परियोजना विवरण
उन्होने बताया कि स्टेशनों की संख्य 16, परियोजना लागत 353.70 करोड़, मार्ग की लम्बाई 137.73 रूट किलोमीटर, ट्रैक की लम्बाई (ओएचई) 200 ट्रैक किलोमीटर, सब-स्टेशन (टीएसएस), 3 (काजीगुंड, बडगाम और बारामुला), स्विचिंग स्टेशन 11 (2एसपी और 9 एसएसपी), ट्रांसमिशन लाइन 23.25 किलोमीटर (3 ट्रांसमिशन) है।
उन्होने बताया कि इस रेल लाइन के विद्युतीकृत हो जाने के बाद यह एक ऊर्जा दक्ष और पर्यावरण अनुकूल यातायात प्रणाली उपलब्ध करायेगी तथा इससे रेल प्रणाली के आधुनिकीकरण से सिस्टम थ्रुपुट भी बेहतर होगा।