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देवनानी ने बर्लिन में निर्माणाधीन गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की

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25 Jun 25
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देवनानी ने बर्लिन में निर्माणाधीन गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की

नई दिल्ली/ राजस्थान विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सोमवार को अपनी जर्मनी यात्रा के दौरान बर्लिन में निर्माणाधीन गणेश मंदिर का अवलोकन किया।

देवनानी ने मंदिर में स्थापित प्रतिमाओं के दर्शन किए और पूजा अर्चना कर देश और प्रदेश की खुशी की कामना की। देवनानी ने मंदिर परिसर का अवलोकन किया। मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्तियां और अन्य निर्माण की भी देवनानी ने जानकारी ली। देवनानी ने बर्लिन में बन रहे मंदिर पर प्रसन्नता जाहिर की।

देवनानी ने मंदिर के ट्रस्टी श्री विल्वनाथन कृष्णामूर्ति से मंदिर निर्माण के बारे में चर्चा की। देवनानी को मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी ने बताया कि बर्लिन में श्री गणेश  मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर की स्थापना सन 2006 में की गई थी। बर्लिन में सनातन परंपरा के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है। यह मंदिर पूजा, विवाह समारोह, गृह प्रवेश और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए स्थान भी उपलब्ध कराएगा। 

देवनानी को बताया कि यह मंदिर जर्मनी का सबसे बड़ा मंदिर होने का गौरव रखता है। मंदिर का निर्माण 2005 में शुरू हुआ था और 2023 में इसका निर्माण पूर्ण होनेकी उम्मीद है। मंदिर का निर्माण सनातन, आध्यात्मिक, पारंपरिक, वैदिक और आगम शास्त्रों के अनुसार किया गया है। यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करता है।  

मंदिर ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने देवनानी को बताया कि मंदिर का निर्माण श्री विल्वनाथन कृष्णमूर्ति के प्रयासों का परिणाम है, जिन्होंने 50 साल पहले बर्लिन में आकर मंदिर बनाने का सपना देखा था। दी क्विट मंदिर का निर्माण पूरी तरह से जन सहयोग से किया गया है।  इसमें किसी भी सरकारी सहायता का उपयोग नहीं किया गया है। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए एक स्थान है, बल्कि यह बर्लिन में प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए एक सांस्कृतिक केंद्र भी है। यह ऐतिहासिक मंदिर  पारंपरिक वैदिक एवं आगम शास्त्रों के अनुसार निर्मित किया जा रहा है। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए एक पवित्र स्थल है, बल्कि यह जर्मनी में बसे भारतीय एवं विशेष रूप से तमिल मूल के लोगो के लिए एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र भी बन गया है।

 

देवनानी ने मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की एवं मंदिर की स्थापत्य कला तथा अन्य गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा किए जा रहे सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यों की सराहना करते हुए कहा, "यह मंदिर भारत की सनातन संस्कृति, अध्यात्म और आस्था का अद्भुत प्रतीक है। यह जर्मनी की धरती पर भारतीय मूल्यों की एक सजीव उपस्थिति है।" उन्होंने कहा कि यह मंदिर भारत और जर्मनी के बीच सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने मंदिर निर्माण में लगे सभी कार्यकर्ताओं एवं सहयोग करने वाले लोगों को शुभकामनाएँ दीं।

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