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बालश्रम रोकने में निजी बस संचालकों की भूमिका पर हुई बैठक

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05 May 22
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बालश्रम रोकने में निजी बस संचालकों की भूमिका पर हुई बैठक

उदयपुर जिले में बालश्रम की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन मुस्तैदी के साथ कार्य कर रहा है। समय-समय पर पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा जांच कर बाल श्रमिकों का रेस्क्यू भी करवाया गया हैं। यदि निजी बस संचालक स्वयं संवेदनशील होकर बसों में किसी भी बालश्रमिक या तस्कर द्वारा बच्चों को ले जाने में मामले में सतर्कता दिखाए, तो निश्चित ही बालश्रम रोकने में सहायता मिलेगी। यह विचार राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य व बालश्रम प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउण्डेशन नई दिल्ली व गायत्री सेवा संस्थान उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में किसान भवन में आयोजित निजी बस संचालकों की बालश्रम रोकने में भूमिका विषयक बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।
इस अवसर पर जिला परिवहन अधिकारी डॉ.कल्पना शर्मा ने विभाग द्वारा बालश्रम रोकने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों से अवगत करवाते हुए प्रत्येक बस पर बालश्रम की सूचना साझा करने हेतु पुलिस व चाल्इड लाइन के नंबर लिखवाने का सुझाव दिया। उदयपुर ट्यूरिस्ट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष ऋषभ जैन ने इस प्रकार की बैठक आयोजित कर बस संचालकों को संवेदनशील करने की पहल की सराहना करते हुए इस मुहिम में पूर्ण सहयोग देने की बात कही। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ध्रुव कुमार कविया ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस अवसर पर उपस्थित सभी निजी बस संचालकों ने बालश्रम व टैªफिकिंग की रोकथाम में पूर्ण सहयोग का संकल्प लिया व संभाग स्तर पर सभी बस संचालकों के साथ बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया।
बैठक में समाजसेवी चन्द्रगुप्त सिंह चौहान, बस एसोशियन के संरक्षक श्यामलाल जैन, उपाध्यक्ष नाहर सिंह, बाल सुरक्षा नेटवर्क संयोजक बी.के.गुप्ता, बाल कल्याण समिति उदयपुर के सदस्य सुरेश शर्मा, मानव तस्करी विरोधी यूनिट से गोविन्द सिंह, बस एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष दिनेश औदिच्य ने भी विचार प्रकट किए। आभार फाउण्डेशन के प्रतिनिधि राजीव भारद्वाज ने किया।


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