अहमदाबाद की बाल रंगमंच को समर्पित संस्था नव सर्जन अकादेमी,अहमदाबाद के 55 बाल और 12 युवा प्रशिक्षु कलाकारों ने रविवार की सुबह 9.30 बजे और अपरान्ह 3.30 बजे मूकाभिनय के दमदार प्रदर्शन देकर एक तरफ दर्शकों का ख़ासा मनोरंजन किया तो दूसरी तरफ सकारात्मक सन्देश भी दिए | सुबह युवा कलाकारों ने “पानी पानी” मूकाभिनय में हंसाते हंसाते मानव के लिए जल संरक्षण की गंभीर हिदायत भी दी | मूकाभिनय में पौधों के साथ हेंडपंप में भी गज़ब की संवेदनाएं दिखाई दीं | दोपहर को कचरा पात्र (डस्टबिन ) के ज़रिये लोगों की इधर उधर कचरा फैंकने की आदत पर करारा व्यंग करते हुए छोटे बच्चों की शानदार पहल के दर्शन हुए | बड़े लोगों की बुरी आदतों के विपरीत छोटे बच्चों ने सफाई कर्मी को मदद कर सबको प्रभावित किया | बच्चों के दूसरे मूकाभिनय “प्लान्टेशन वीक वर्सेज़ प्लान्टेशन वीक” में बच्चों और किशोरों ने पौधारोपण सप्ताह में जोर शोर से पौधे लगाने का दृश्य बताकर अगले दृश्यों में उस पौधे के संरक्षण के प्रति लोगों की गैर जिम्मेदाराना हरकतों को बताया है | उस बेचारे प्रताड़ित और प्यासे पौधे की जान बच्चे अपनी वाटर बोटल में से पानी पिलाकर बचाते हैं | इस मूकाभिनय में बच्चों के संवेदनशील व्यवहार की जमकर सराहना हुई | उदयपुर, राजस्थान से आये वरिष्ठ मूकाभिनय कलाकार और निर्देशक विलास जानवे रचित इन मूकाभिनयों को बच्चों ने मन लगा कर सीखा और पेश किया |
आरती मनियार ने बताया कि बच्चों को में रंगकर्म को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत नव सर्जन अकादेमी,अहमदाबाद और प्रयोग शाला(इंडी प्रोडक्शन) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सात दिवसीय मूकाभिनय कार्यशाला को पहली बार अहमदाबाद में आयोजित किया गया | राष्ट्रीय स्तर के मूकाभिनय कला विद विलास जानवे ने अहमदाबाद में बच्चों और युवकों में मूकाभिनय कला के महत्व को बताते हुए कार्यशाला में इस कला की बारीकियां सिखाई | विलास जानवे ने प्रशिक्षण में आंगिक अभिनय पर ज़ोर के साथ चेहरे के हाव-भाव पर विशेष बल दिया गया |
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