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“आचार्य रामदेव द्वारा स्थापित कन्या गुरुकुल महाविद्यालय, देहरादून एक ऐतिहासिक शिक्षण संस्था”

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18 Mar 19
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“आचार्य रामदेव द्वारा स्थापित कन्या गुरुकुल महाविद्यालय, देहरादून एक ऐतिहासिक शिक्षण संस्था”

वर्तमान समय में देहरादून में कन्याओं एवं बालकों के मुख्यतः तीन गुरुकुल संचालित हो रहे हैं। इनके नाम है श्री मद्दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल, पौंधा, द्रोणस्थली कन्या गुरुकुल, देहरादून एवं कन्या गुरुकुल महाविद्यालय, देहरादून। कन्या गुरुकुल महाविद्यालय देहरादून से मसूरी जाने वाली राजपुर रोड पर स्थित है और इसकी नगर से दूरी लगभग 1.5 किमी0 है। गुरुकुल का पता है 60 राजपुर रोड, निकट मधुबन होटल, देहरादून-248001। गुरुकुल से यदि दूरभाष पर सम्पर्क करना हो तो लैंड लाइन फोन नं0 0135-2748334 एवं मोबाइल नं0 9761219696 पर सम्पर्क कर सकते हैं। गुरुकुल विषयक कुछ जानकारी नैट पर वेब साइट www.gurukulkangrividyalaya.org से भी प्राप्त की जा सकती हैं। इस कन्या गुरुकुल की स्थापना स्वामी श्रद्धानन्द जी के गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय में सहयोगी आचार्य रामदेव जी ने 8 नवम्बर सन् 1923 को की थी। आप ही इसके आद्य आचार्य रहे। गुरुकुल का संचालन आर्य विद्या सभा, पंजाब के द्वारा किया जाता है। कन्या गुरुकुल, देहरादून गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से सम्बद्ध है और इसके पाठ्यक्रम के अनुरुप ही यहां का भी पाठ्यक्रम है। गुरुकुल मान्यता प्राप्त है। हमारे पास जुलाई, 2018 की जानकारी उपलब्ध है। इसके अनुसार गुरुकुल में विभिन्न कक्षाओं में निम्न छात्रायें अध्ययन कर रही थीं।

 

प्रथम - 2

द्वितीय - 1

तृतीय - 2

चतुर्थ - 2

पंचम - 4

षष्ठम - 4

सप्तम - 5

अष्टम - 6

नवम - 9

दशम - 14

एकादश - 4

द्वादश - 16

 

                गुरुकुल अपनी भूमि में संचालित है जिसका क्षेत्रफल 84 बीघा है। यद्यपि गुरुकुल नगर के मध्य में स्थित है परन्तु हमने गुरुकुल के भीतर का वातावरण देखा है जो कि बहुत सुखद, मनमोहक एवं गुरुकुल के वातावरण के अनुरूप है। गुरुकुल परिसर में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य स्नातक एवं स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम भी संचालित होते हैं ऐसा हमारा अनुमान है। गुरुकुल परिसर में विद्यालय, आश्रम, कार्यालय एवं खेल मैदान की सुविधा उपलब्ध है व यह सब भवन परिसर में स्थित एवं संचालित होते है।

 

                गुरुकुल द्वारा संचालित अन्य प्रकल्पों में एन.टी.टी. (N.T.T.) एवं PLAY GROUP (GURUKUL LITTLE FLOWER) स्कूल भी संचालित किया जाता है। गुरुकुल के भीतर अध्ययन-अध्यापन के साथ साग सब्जी का उत्पादन भी किया जाता है। गुरुकुल का विगत वर्ष का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा है। गुरुकुल के द्वारा उत्तराखण्ड सरकार द्वारा संचालित योग दिवस के आयोजन सहित पर्यावरण की रक्षा हेतु वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी भाग लिया जाता है। अपने कार्यों के सम्पादन में गुरुकुल की आय का जो साधन है वह बच्चों की फीस है एवं राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली से वार्षिक अनुदान के रूप में प्राप्तव्य राशि है। गुरुकुल को अपने पुराने भवनों की मरम्मत आदि के लिये आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। दानी महानुभाव एक जनरेटर एवं आर0ओ0 प्रदान कर भी यश के भागी हो सकते हैं। गुरुकुल सरकार से आर्थिक सहायता की अपेक्षा रखता है जिससे गुरुकुल के सभी कार्यों का सम्पादन सुगमता से हो सके।

 

                गुरुकुल के अधिकारी अनुभव करते हैं कि सरकार नये संस्कृत विद्यालय खोलने को उद्यत है परन्तु पुराने विद्यालय लम्बी अवधि से उपेक्षित हैं। उन पर सरकार का ध्यान नहीं है और न ही समुचित सहायता सरकार इन विद्यालयों वा गुरुकुलों की करती है। गुरुकुल देश की धरोहर हैं जिनको प्रगति के पथ पर आरुढ़ करने के लिये सरकार को उपुयक्त आर्थिक सहायता करनी चाहिये। गुरुकुल की रक्षा एवं संवर्धन से ही विश्व की प्राचीन संस्कृति वा धर्म जीवित रह सकते हैं। इस कार्य में सरकार सहित प्रत्येक देशवासी को भी कटिबद्ध होना चाहिये। वर्तमान में सुश्री संतोष विद्यालंकार गुरुकुल की आचार्या हैं। श्री दीनानाथ शर्मा प्रधान अथवा मुख्याधिष्ठाता हैं। सचिव श्री ओम प्रकाश आर्य हैं।

 

                हम देहरादून में रहते हैं। विगत 50 वर्षों की देहरादून की आर्यसमाजिक प्रमुख गतिविधियों का हमें कुछ कुछ ज्ञान है। देहरादून में आर्यसमाजों, आर्यसंस्थाओं वैदिक साधन आश्रम तपोवन, मानव कल्याण केन्द्र सहित गुरुकुल पौंधा एवं द्रोणस्थली कन्या गुरुकुल के वार्षिकोत्सव होते हैं जिसमें स्थानीय जनता सम्मिलित होती है। गुरुकुल पौंधा, वैदिक साधन आश्रम, तपोवन एवं मानव कल्याण केन्द्र के उत्सवों में तो स्थानीय एवं देश भर से लोग पधारते हैं जिससे संस्था का विस्तार होता है। कन्या गुरुकुल, राजपुर रोड, देहरादून को भी चाहिये कि वह अपना वार्षिकोत्सव किया करें जिसमें देहरादून की सभी आर्यसमाजों सहित आर्यसंस्थाओं एवं गुरुकुलों का भी सहयोग लिया जाना चाहिये। इससे गुरुकुल को लाभ होगा। अन्य जिस प्रकार से भी गुरुकुल का विस्तार एवं गुणवत्ता में सुधार हो सकते हैं वह भी किये जाने चाहियें। हम यह भी अनुभव करते हैं जिस उद्देश्य एवं भावना से आचार्य रामदेव जी ने इस गुरुकुल को खोला था, उनका वह स्वप्न पूरा नहीं हुआ है। इस पर सबको ध्यान देना चाहिये। ओ३म् शम्।

-मनमोहन कुमार आर्य

पताः 196 चुक्खूवाला-2

देहरादून-248001

फोनः09412985121


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