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श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह में जमकर झूमे भक्त  

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11 Mar 22
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श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह में जमकर झूमे भक्त  

गुरुवार को श्रीमद् भागवत कथा में श्रीकृष्ण और रुक्मणी का विवाह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। विवाह उत्सव के दौरान कई भजनों की प्रस्तुति दी गई इस मौके पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। कथावाचक पं.खेमराज शास्त्री महाराज ने  कहा कि महारास में पांच अध्याय है। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, द्वारका की स्थापना और रुकमणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। भगवान श्रीकृष्ण रुकमणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब भाव विभोर किया। भागवत कथा में रूकमणी विवाह के आयोजन में श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रीकृष्ण रुकमणी की वरमाला पर जमकर फूलों की बरसा की गई। कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है।

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