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तेज़ आँधी, तूफ़ान,बारिश में भवानीमंडी और कोटा में हुआ नेत्रदान

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14 Sep 19
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तेज़ आँधी, तूफ़ान,बारिश में भवानीमंडी और कोटा में हुआ नेत्रदान

शाइन इंडिया फाउंडेशन के संभाग भर में नेत्रदान के प्रति लगातार जागरूकता कार्यक्रम करते रहने के प्रयासों से आज न सिर्फ कोटा,बल्कि आस पास के छोटे-छोटे गाँव कस्बों व शहरों में जागरूकता बढ़ने लगी है । कोटा शहर के अलावा संस्था के लोग बूँदी,बाराँ,झालावाड़, भवानीमंडी, रामगंजमंडी में सक्रियता से आठ साल से काम करते आ रहे है । इन सभी क्षेत्रों में संस्था द्धारा शहर संयोजक नियुक्त है,जो समय समय पर अपनी निःशुल्क सेवायें देते रहते है ।

इन सभी क्षेत्रों में भवानीमंडी के प्रयास अति-सराहनीय है,वहाँ पर जागरूकता का प्रतिशत कोटा के अलावा बाक़ी अन्य क्षेत्रों से काफ़ी ज्यादा है । 8 वर्षों में भवानीमंडी से अभी तक 28 जोड़ी नेत्रदान प्राप्त हुए है। इसी क्रम में आज देर रात्रि भवानी मंडी निवासी अमित जी सांवला की माताजी एवं नरेंद्र जी सांवला की धर्मपत्नी प्रेमलता जी का देहावसान हो गया है, उनके पड़ौसी नितिन जी मालपानी की प्रेरणा से परिजनों ने नेत्रदान की इच्छा प्रकट की । उन्होंने तुरंत भवानीमंडी के शाइन इंडिया फाउंडेशन के शहर संयोजक फलौदी ट्रेडर्स के कमलेश जी को रात एक बज़े सूचना दी,उसके बाद कोटा में रात को ही शाइन इंडिया की टीम को संपर्क किया,उस समय भवानीमंडी के लिये कोई ट्रेन नहीं थी,चार बजे की ट्रेन से निकलने का तय हुआ,पर उस समय तेज़ बारिश,तेज़ हवा चालू हो गयी,जैसे-तैसे भीगते भीगते रेल्वे स्टेशन पहुँच कर ट्रेन पकड़ी,और भवानीमंडी पहुँचे । सिर्फ 30 मिनट के बाद ही सुपरफास्ट ट्रेन थी,ऐसे में तुरंत घर पहुंच कर प्रेमलता जी की आँखों से कॉर्निया लिया और 20 मिनट में दोनों आँखो से कॉर्निया प्राप्त किया,और तुरंत ट्रैन पकड़ कर कोटा आ गए ।

प्रेमलता जी काफी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी, कल पर्यूषण का अंतिम दिवस था,उनका उपवास था, रात्रि 10 बजे तक उन्होंने मंदिरों में सेवा-पूजा अर्चना की,और अचानक तबियत बिगड़ने से घर पर ही उन्होंने देह त्याग दी । नरेन्द्र जी दिगंबर जैन समाज भवानीमंडी के अध्यक्ष भी हैं, 2 वर्ष इन्हीं के नेतृत्व में दिगंबर जैन समाज भवानीमंडी ने श्रद्धेय प्रज्ञासागर जी महाराज की जन्म जयंती पर नेत्रदान संकल्प एवम रक्तदान  शिविर का आयोजन किया गया था,जहाँ पत्नि प्रेमलता के साथ इन्होंने नेत्रदान का संकल्प भी लिया था । 

इतने कम समय में, बिना कोई चेहरा विकृत हुए,इतनी छोटी सी प्रक्रिया को देख कर सभी रिश्तेदारों ने भी,अंत समय पर स्वयं के नेत्रदान करवाने की इच्छा आपस में जाहिर की ।

शाम को कोटा में भी 38 वर्षीय स्टेशन क्षेत्र निवासी उमेश सोनी उर्फ शेरू का अचानक हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया । शेरू जी के लोगों के दिल में क्या अहमियत रखते थे, यह उनके घर पर लगी भीड़ से अंदाजा लगाया जा सकता था,घर से जब उनको एमबीएस अस्पताल लाया गया,तो भी उनके 200-300 दोस्तों की पूरी भीड़ साथ थी । शेरू जी जी ने हर उम्र,धर्म और हर वर्ग के लोगों के लिये खूब सेवा की है,स्वयं काफी समय से रक्तदाता रहे है,लोगों के लिये काम करते कभी थकते नहीं थे, बल्कि लोगों के लिये काम आना,उनमें नई ऊर्जा का संचार करता था । उनके क़रीबी मित्रों में से जितेंद्र खजांची,व शाइन इंडिया फाउंडेशन के स्टेशन क्षेत्र संयोजक मुकेश अग्रवाल ने उनके पिता जी राजकुमार सोनी जी को,उमेश के नेत्रदान करवाने की बात की,तो पिता ने बिना सोचे समझे तुरंत नेत्रदान जैसे नेक कार्य के लिये हाँ कर दी । थोड़ी देर में ही एमबीएस मोर्चरी के बाहर एम्बुलेंस में ही उमेश उर्फ शेरू जी के नेत्रदान लिये गये । 


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