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जीवोत्थान पंचांगम्  एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक  समेकित राशि फल सहित)18/10/2021,सोमवार

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18 Oct 21
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जीवोत्थान पंचांगम्  एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक  समेकित राशि फल सहित)18/10/2021,सोमवार

Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - Evam Janm Rashi Falanuman 
दिनांके -(आँग्ल)18/10/2021,सोमवार
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक 26/07/1943
 26आश्विन मास1943
सृष्टिगतसौरार्कदिनांक -
0/07
/1955885122#(# पंचांगकारानुसार वर्ष, दैनिक सूर्योदय कालीन सूर्य संक्रांति राशि - अंशतः अंकतः स्थानीय व्यवस्था)  
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
28/07/2078 
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि) 
त्रयोदशी, शुक्ल पक्ष
आश्विन
तिथि त्रयोदशी18:06:54
पक्ष शुक्ल 
नक्षत्र पूर्वभाद्रपदा10:48:28
योग ध्रुव20:56:50
करण तैतिल18:06:54
करण गर30:31:16*
माह (अमावस्यांत)आश्विन
माह (पूर्णिमांत)आश्विन
चन्द्र राशि   मीन
सूर्य राशि   तुला
सूर्योदय06:36:32
सूर्यास्त18:05:56
दिन काल11:29:24
रात्री काल12:31:04
चंद्रोदय17:04:47
चंद्रास्त29:16:55*
सूर्योदयलग्न  तुला0°43' , 
'सूर्य नक्षत्र चित्रा
चन्द्र नक्षत्र पूर्वभाद्रपदा
आज के नामकरणाक्षर
पद, चरण4 दी पूर्वभाद्रपदा10:48:28
1 दू उत्तरभाद्रपदा17:06:44
2 थ उत्तरभाद्रपदा23:26:38
3 झ उत्तरभाद्रपदा29:48:12*
मुहूर्त
राहु काल08:03 - 09:29अशुभ
यम घंटा10:55 - 12:21अशुभ
अभिजित्11:58 -12:44शुभ
दूर मुहूर्त12:44 - 13:30अशुभ
दूर मुहूर्त15:02 - 15:48अशुभ
पंचकअहोरात्र
चोघडिया, दिन
अमृत06:37 - 08:03शुभ
काल08:03 - 09:29अशुभ
शुभ09:29 - 10:55शुभ
रोग10:55 - 12:21अशुभ
उद्वेग12:21 - 13:47अशुभ
चर13:47 - 15:14शुभ
लाभ15:14 - 16:40शुभ
अमृत16:40 - 18:06शुभ
चोघडिया, रात
चर18:06 - 19:40शुभ
रोग19:40 - 21:14अशुभ
काल21:14 - 22:48अशुभ
लाभ22:48 - 24:21*शुभ
उद्वेग24:21* - 25:55*अशुभ
शुभ25:55* - 27:29*शुभ
अमृत27:29* - 29:03*शुभ
चर29:03* - 30:37*शुभ
होरा, दिन
चन्द्र06:37 - 07:34
शनि07:34 - 08:31
बृहस्पति08:31 - 09:29
मंगल09:29 - 10:26
सूर्य10:26 - 11:24
शुक्र11:24 - 12:21
बुध12:21 - 13:19
चन्द्र13:19 - 14:16
शनि14:16 - 15:14
बृहस्पति15:14 - 16:11
मंगल16:11 - 17:08
सूर्य17:08 - 18:06
होरा, रात
शुक्र18:06 - 19:09
बुध19:09 - 20:11
चन्द्र20:11 - 21:14
शनि21:14 - 22:16
बृहस्पति22:16 - 23:19
मंगल23:19 - 24:21*
सूर्य24:21* - 25:24*
शुक्र25:24* - 26:27*
बुध26:27* - 27:29*
चन्द्र27:29* - 28:32*
शनि28:32* - 29:34*
बृहस्पति29:34* - 30:37*
अंतिम कॉलम अंत समय है.
होरा(वारों की प्रकृति तथा करणीय शुभ कामों के अनुसार उपयोगी)  
++++++++++++++++
विशेष विवेचन -     आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध   -  सोमप्रदोष व्रत ।मार्गी बुध व गुरु। पंचक। ईशान दक्षिण पश्चिम 
दिशाएँ प्रभावित।   विद्वान् जनहित योजना । शिक्षा-तकनीकी एवं  विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में  नव चिंतन । ग्राफिक्स शुभता प्रभावित पर। । ##############
*अन्तिम कालम अन्त  समाप्तिकाल है।   
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य। 
@जीवोत्थान जन्म राशि फलानुमान @
##################
जन्मराशितःआज सांकेतिक फलानुमान   
(विशेषार्थ स्वजन्म पत्रिका दृष्टव्य)   (एकन्दर राशि फल बोध 
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मिथुन मीनराशि वालों के लिये दिनमान के मिश्रित , मेष सिंह धन के लिए अड़चन फलद समय  तथा अन्य हेतु अपेक्षाकृत दिनमान ठीक।)
जन्म राशि - - - - - समेकित फलानुमान 
मेष    -   अवरोध 59 %
वृष. -  तरक्की 71%
मिथुन  - मिश्रित 58 %
कर्क.   -   अनुकूलता 59 %
सिंह. - परेशानी 67 %
कन्या.   -   अच्छा 63 %
तुला.   लाभान्वित71 %
वृश्चिक. अनुकूलता 58 %
धन. -  अवरोध 65 %
मकर.   -   अच्छा 61 %
कुंभ.   -     अनुकूलता 59 %
मीन.   - सुधार 61 %
विशेष - दिन शुद्धि सामान्यतः.अच्छी
 फलद  है। 
जीवोत्थान पाक्षिक जन्म राशि  समेकित फलानुमान
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(अक्टूबर उत्तरार्द्ध )
 मेष - - अनुकूलता 
वृष - - - -अच्छा 
मिथुन - - - - - - अनुकूलता 
कर्क - - - - -   उलझन 
सिंह - - - - -लाभदायक
कन्या - - - -सुधार 
तुला - - - - परेशानी 
वृश्चिक - - - - उलझन 
धन - - - - - - - -लाभोदय 
मकर - - - - - तरक्की
कुंभ - - - - -  सुधार 
मीन - - - - - - परेशानी 
{(जीवात्मा की विचित्रता, ग्रह-प्रकृति फल भोग।
कर्मफल के सार से, जीवनचक्र - संजोग ।।
स्वात्मदेव सुसाक्षी रख,   स्मरण  परब्रह्म  साथ।
   स्वशुद्धभाव   कर्मरत्   हो ,  तो साथ रहे नाथ।
सम्मान प्रदान,दिया,लिया,,यथाभाग्य सब लेख। 
सुजन  निभावे पात्रता, आप्राण विधि- प्रलेख।। )} 
भारत की अद्वितीय विशेषताओं का, 
  अनवरत् दिव्यामृतपान करनाहै।
   "ब्रह्माण्डोत्थान" हेतु मानवादर्श का, 
   'जीवोत्थान 'सदाश्रय को अपनाना है।। 
 ॐमहर्षि  - यादवेन्द्र जीवोत्थान उदयपुर
 


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