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प्रखर वक्ता संयम लोढा को मिला २०२० के सर्वश्रेष्ठ विधायक का Award

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14 Mar 20
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प्रखर वक्ता संयम लोढा को मिला  २०२० के सर्वश्रेष्ठ विधायक का Award

सिरोही।   जब व्यक्ति समर्पित भाव, प्रमाणिकता एवं पुरी तैयारियो के साथ अपनी बात सटीक रूप से रखता हैं तब प्रतिभा का मुल्यांकन होता हैं ओर उसे एवार्डो से नवाजा जाता हैं। प्रतिभा को उभरने के अवसर मिले तो प्रतिभा जरूर उभर कर बाहर आती है। इसी कारण सिरोही के निर्दलीय विधायक संयम लोढा को वर्ष २०२० का सर्वश्रेष्ठ विधायक का Award से नवाजा गया। यह घोषण आज १३ मार्च २०२० को राजस्थान विधानसभा मे विधानसभाध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ने की। यह Award २५ मार्च को विधानसभा मे एक समारोह मे लोढा को प्रदान किया जायेगा। इसी तरह डॉ जोशी ने वर्ष २०१९ का सर्वश्रेष्ठ विधायक का Award पाली के वरिष्ठ विधायक ज्ञानचंद पारख को देने की घोषणा की।

’’मापदंडो पर खरे उतरे लोढा‘‘

विधानसभाा मे ’’बेस्ट विधायक‘‘ का अवार्ड देने के अपने मापदंड है और संयम लोढा ने उन मापदंडो पर खरे उतरे ओर चयन के लिए गठित समिति ने इनका चयन कर वास्तव मे एक प्रशंसनीय कार्य किया हैं। राज्य की जनता देख रही है कि पिछले अनेको सत्रो मे संयम लोढा ने ध्यानाकर्षण, पर्ची के माध्यम से, प्रश्नकाल के माध्यम से व बजट व अन्य सत्रों मे बहुत ही तर्कसंगत बहस कर अपनी प्रतिभा को सदन के समक्ष रखा ओर सदन की चयन समिति ने उनको २०२० के ’’सर्वश्रेष्ठ विधायक‘‘ के रूप मे चयनित कर यह एवार्ड देने की अनुशंषा की।

शिवगंज नगर सेठ के पुत्र है लोढा

राजस्थान के सिरोही जिले के प्रमुख व्यावसायिक नगरी ’’शिवगंज‘‘ मे नगर सेठ स्व. प्रकाशराज जी लोढा के सुपुत्र संयम लोढा का जन्म २० जनवरी १९६५ को हुआ ओर उन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा शिवगंज मे ली, कालेज शिक्षा फालना से व विधि की डिग्री जोधपुर युनीवर्सिटी से लेकर व राजनीति मे १९८७ मे एन एस यु आई मे सुयंक्त सचिव के रूप मे प्रवेश किया ओर कडी मेहनत कर आज इस मुकाम पर पहुंचे। 

छात्रजीवन से ही प्रखर वक्ता रहे लोढा

सिरोही के विधायक संयम लोढा ने आज से ४१ वर्ष पहले १९७९-८० मे हाई स्कुल, १९८१-८४ मे एस पी यू कालेज फालना, १९८५-८७ मे जोधपुर युनीवर्सिटी से बेस्ट ओरेटर (वक्ता) का खिताब हासिल किया। ओर यह परम्परा उन्होंने आगे भी जारी रखते हुए आज राजस्थान विधानसभा मे वर्ष २०२० मे ’’बेस्ट विधायक‘‘ का खिताब जीतकर अपनी प्रतिभा को विशिष्ठ रूप से उभारा हैं।

    यहां से उनका राजनीति मे कद लगातार बढता ही चला ओर वे १९८८ मे एन एस यु आई के प्रदेश महासचिव, १९९० मे जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष, १९९२ मे प्रदेश महासचिव युथ कांग्रेस, १९९५ मे प्रदेश उपाध्यक्ष, १९९७ मे पीसीसी सदस्य, २००५ मे ए आई सी सी सदस्य, २००८ व २०१३ मे वे चुनाव घोषणा पत्र समिति के सदस्य बने, १९९९ मे पीसीसी के सचिव व २०१० मे कांग्रेस राज्य परिषद के सदस्य बने।

नेतृत्व के गुण है छात्रजीवन से

१९७९-८० मे स्कुल के, १९८०-८१ मे हायर सैकण्डरी स्कुल के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे व १९८३-८४ में फालना कॅालेज छात्रसंघ के सचिव भी रहे।

अन्याय के प्रति दिल मे है दर्द

संयम लोढा के दिल मे पिछडे, शोषित व उपेक्षित वर्गो के बीच मे रहकर उनकी समस्याओं को जानने व उन्हें आगे बढाने को लेकर विशेष रूची शुरू से रही हें। शिवगंज मे ’’श्यामा हत्या कांड‘‘ को लेकन उन्होंने जिस तरह समाज को जगाया व सडको पर उतारा ओर हत्यारों को पकडवाया उस दिन से ही यह लग रहा था कि ये युवा बहुत आगे बढेगा। ओर हकीकत मे भी लगातार जनता के बीच मे रहकर जनता की आवाज, समस्या एवं उन पर होने वाले अत्याचारों के विरूद्ध वे लडते रहे ओर जनता उनके साथ खडी होती रही ओर यही कारण है कि वे तीसरी बार निर्दलीय चुनाव लडकर विधानसभा मे पहुंचे।

पुरी जानकारी के साथ उठाते है मुद्दे

संयम लोढा एक ऐसा व्यक्तित्व है जो हर विषय की जानकारी, तर्क, उसके सामाजिक, राजनैतिक व कानुनी पहलुओ पर पुरा अध्ययन के बाद ही वे उस विषय वस्तु को उठाते है ओर प्रखरता से उभारते है। उनकी तार्किकता गजब की हैं, पुरी समझदारी व उतरदायित्व के साथ वे उसका प्रस्तुतीकरण करते हैं। वे अपने विचार जब रखते है तो वे धाराप्रवाह के साथ पुरे तथ्य रखते हैं ओर कभी भी तथ्यों को रखते वक्त झुठ का सहारा नही लेते है। मां सरस्वती का उन पर शुरू से वदरहस्त होने से वे स्कुल, कालेज, युनीवर्सिटी, सार्वजनिक सभाओ के साथ साथ हर सदन मे वे जब अपनी बात रखते है तो श्रोता पुरी गंभीरता से उनको सुनता हैं और उनके भावों के साथ जुड जाता हैं। यही कारण है कि उन्हें इस वाकचार्तुयता के कारण बडे बडे स्तर पर अपनी बात रखने का अवसर मिलता हैं। इतनी कम आयु मे उन्हे जन लेखा समिति , बी ए सी, नियम समिति मे सदस्य व सी पी ए राजस्थान का सचिव बनने का सुअवसर मिला। अभी हाल ही मे उन्होने युगांडा सम्मेलन मे भी राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया।

विधायी अनुभव

संयल लोढा को पहली बार १९९८ से २००३ व २००३ से २००८ तक कांग्रेस पार्टी से सिरोही-शिवगंज का विधायक बनने का सुअवसर मिला ओर वर्तमान मे भी वे इसी क्षेत्र से विधायक निर्दलीय ह। विधानसभा में कार्यवाहक स्पीकर के रूप मे एवं मोहनलाल सुखाडिया विश्व विद्यालय के प्रबंधक बोर्ड मे भी काम करने का अवसर मिला।

न्यायालयो मे जनता के लिए लडी लडाई

संयम लोढा एक जागरूक व सजग जन नेता होने के कारण उन्होने जनता को राहत दिलाने के लिए हाईकोर्ट के भी दरवाजे खट खटाये ओर जनहित याचिका लगाकर वहां भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने मुख्यमंत्री सहायता कोष से बलात्कार की शिकार बालिकाओं को आर्थिक सहायता दिलाने की याचिका लगाकर २००७ मे राहत दिलाने का आदेश कोर्ट से दिलवाया। उन्होने जवाईबांध से शिवगंज के लिए पानी रिजर्व करवाने के आदेश भी एक जनहित याचिका के माध्यम से पारित करवाया। उन्होने एक ओर जनहित याचिका मे फलोराईड के दुषित पानी से राहत दिलवाने की मांग की जिस पर ८ करोड ५४ लाख का प्रावधान करवाया। उन्होने राजस्थान उच्च न्यायालय मे याचिका कर सिरोही जिले में पेयजल की शुद्धता के लिए मशीनरी लगवाने का आदेश करवाया।

    शिवगंज के वाल्मिकी समाज के २७ सफाई कर्मचारियों को रोजगार दिलवाने के लिए भी उन्होंने कानूनी लडाई लडी ओर उनको रोजगार दिलवाया।

    उन्होंने राजस्थान विधानसभा मे विधायको को कम से कम ६० सिटिंग होने का आदेश राजस्थान उच्च न्यायालय से करवाने मे भी सफलता प्राप्त की।

’’बेस्ट एवार्ड पाये‘‘

संयम लोढा ने १९८०-८१ मे शिवगंज स्कुल मे ’’बेस्ट स्टुडेंट‘‘ का एवार्ड मिला। १९७९-८० मे उन्हे स्कुल मे, १९८१-८४ मे कालेज मे, १९८५-८७ मे जोधपुर युनीवर्सिटी मे, १९८६ मे जयपुर युनीवर्सिटी मे, १९८७ मे मराठवाडा युनीवर्सिटी मे ’’बेस्ट ओरेटर‘‘ के एवार्ड से नवाजा गया।

कलम के है धनी

स्कुल शिक्षा सें ही वे कलम के धनी रहे ओर उन्होने स्कुल की मेगजीन का सम्पादन किया ओर आगे बढे तो उन्हे कॉलेज व युनीर्वसिटी की मेगजीन के सम्पादन व सम्पादक बनने का अवसर मिला।

पत्रकारिता मे रही रूची

उन्होने पत्रकारिता के क्षेत्र म भी काम कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होने सिरोही जिले से पत्रकारिता प्रारम्भ की ओर राजस्थान पत्रिका में रिर्पोटिग भी की ओर बाद में राजस्थान पत्रिका जोधपुर मे उप सम्पादक के रुप में भी काम किया। लोढा ने देश के अनेक समाचार पत्रों मे समसामायिक लेख लिखकर अपने विचार खुले रुप में रखे हैं। उन्होने ’’जवाई संदेश ’’साप्ताहिक समाचार पत्र का भी प्रकाशन किया व सिरोही-पाली-जालोर जिले की जनसमस्याओं को प्रमुखता से रखा।

सामाजिक मुद्दो पर जागरुकता

महिलाओं के शोषण, देहज प्रथा व अन्य सामाजिक कुरीतियो के विरुद्ध उन्होने खुलकर जन आन्दोलन किये। जो कही उसे अपने जीवन मे उतारने का एक उदाहरण भी इन्होने प्रस्तुत किया। उन्होने बिना दहेज लिए आर्य समाज मे खुद विवाह कर समाज के समक्ष एक प्रेरक उदारण प्रस्तुत किया। उन्होने सामप्रदायिक के विरुद्ध नुक्कड नाटक प्रस्तुत कर इसके लिए भी हमेशा लडाई लडते रहे है।

सामाजिक सेवाओं मे रहे अग्रसर

उन्होने अकाल, बाढ, प्राकृतिक आपदा में गरीबी, अशिक्षा, एवं असमानताओं के विरुद्ध हर वक्त लडाई लडी। शराब बंदी व परिवार कल्याण के लिए भी अनेक योजनाओं के तहत जन जागृति के लिए कार्य किया।

राज्य के सोजत, जोधपुर, व जावाल मे जब भी साम्प्रदायिक दंगे हुऐ तो उन्होने सामाजिक समरसता के लिए आगे आकर कार्य किए ओर प्रभावितो को राहत दिलवाई।

कांग्रेस संगठन मे रहा योगदान

३३ जिलो मे सगंठन का काम किया

अखिल भारतीय कंाग्रेस कमेटी की ओर से अनेक चुनावों में इनको पर्यवेक्षक बनने का अवसर मिला। १९८८-८९ मे २२ दिन की युवा पद ज्योति यात्रा मे भी भाग लिया। १९९७ मे ’’ आओ भारत बनावे ’’ पद यात्रा आदिवासी क्षेत्रो मे की। अनेक राजनैतिक रैलियो से उन्हे अपनी व कांग्रेस की विचारधारा व्यक्त करने का अवसर मिला। १९९६ मे उनको गोल्डन जुबली संदेश यात्रा का प्रदेश प्रभारी बनने का भी अवसर मिला।१९९५ म व २००४ मे निकाय चुनावों मे पर्यवेक्षक बनने का भी अवसर मिला। २००४मे उन्हे पाली ससंदीय क्षेत्र मे प्रभारी बनाया गया। २००६ मे मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन चुनाव मे भी प्रभारी बनने का मौका मिला। २०१४ मे उपचुनाव मे व अनेक चुनावों मे उनको काम करने के अवसर मिले।   

 

कार्य के प्रति समर्पण

जब वे दो बार सिरोही से चुनाव हार गये तब भी वे १० साल तक जनता के हर दुःख सुख मे खडे रहे ओर सिरोही जिला अस्पताल मे जब डाक्टरो की कमी को बीजेपी सरकार पुरा नही कर रही थी तो उन्होंने जनहित याचिका लगाकर डाक्टरो व नर्सिंग स्टाफ के खाली पदो को भरवाकर जनता को भारी राहत दिलाई। सिरोही की हर समस्या के समाधान के लिए वे अब पुरी तनम्यता से लगे हुए है ओर डेढ वर्ष के अल्पकाल मे उन्होने मेडिकल कॉलेज, ओडीटोरियम, स्टेडियम, क्रिकेट एकादमी, लॉ कालेज का निर्माण व नगरपरिषद के नये भवन के निर्माण के कार्यो को स्वीकृत करवाकर सिरोही मे विकास की मजबुत नींव रखने मे सफलता हासिल की हैं।

 


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