जकार्ता । इंडोनेशिया की संसद ने अपनी दंड संहिता में एक बहु-प्रतीक्षित संशोधन मंगलवार को आम-सहमति से पारित कर दिया, जिसके तहत विवाहेतर यौन संबंध दंडनीय अपराध है और यह देश के नागरिकों तथा देश की यात्रा करने वाले विदेशी नागरिकों पर समान रूपसे लागू होगा। यह कानून गर्भ निरोधकों के प्रचार पर रोक लगाने वाला तथा राष्ट्रपति और सरकारी संस्थाओं के अपमान को प्रतिबंधित करने वाला भी है।
संशोधित संहिता मौजूदा ईंशनिंदा कानून का भी विस्तार करती है और इसमें इंडोनेशिया के छह मान्यताप्राप्त धर्मो-इस्लाम, प्रोटेस्टैंट, कैथलिक, हिंदू, बौद्ध और कन्फ्यूशियस वाद के केंद्रीय सिद्धांतों से हटने पर पांच साल की कैद का प्रावधान है। नागरिकों को मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा का पालन करने वाले संगठनों से जुड़ने पर 10 साल की कैद की सजा और साम्यवाद फैलाने में संलिप्त रहने पर चार साल की कैद का सामना करना पड़ सकता है। संहिता के अनुसार, गर्भपात एक अपराध है, हालांकि इसमें उन महिलाओं को अपवाद माना गया है जिन्हें गर्भ बरकरार रखने से उनकी जान को खतरा हो, या जो बलात्कार के बाद गर्भवती हो गईं हों। लेकिन गर्भ 12 सप्ताह से कम का हो, जैसा कि 2004 के मेडिकल प्रैक्टिस कानून में पहले से ही विनियमित है।