यांगून । म्यांमार में बंदी के बाद भी सत्ता पर सेना के कब्जे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोग मंगलवार को भी देश के सबसे बड़़े शहर की सड़़कों पर दिखे। उधर विदेशी नेताओं ने इस पर चिंता जताई है । गौरतलब है कि सोमवार को देश में आम हड़़ताल रखी गई थी। तमाम दुकानें बंद रहीं और बड़़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। सोमवार के मुकाबले मंगलवार को प्रदर्शनकारियों की संख्या सड़़कों पर कम है लेकिन यांगून में करीब एक हजार लोग शहर के लेदान सेंटर पर एकत्र हुए। देश के दूसरे सबसे बड़़े शहर मांड़ले में शनिवार को सुरक्षा बलों की गोली लगने से मरे ३७ साल के थेट नियांग विन की अंतिम यात्रा में लोग शामिल हुए। शनिवार को काफी लोग बंदरगाहों और गोदी में काम करने वाले कामगारों के समर्थन में एकत्र हुए थे‚ जिन पर पुलिस और सुरक्षा बलों ने गोलियां चलायीं। इसी में विन और एक किशोर की गोली लगने से मौत हो गई। गौरतलब है कि प्रशासन हड़़ताल के बावजूद गोदी में लोगों पर काम जारी रखने का दबाव बना रहा था । म्यांमार में पिछले साल नवम्बर में आम चुनाव हुए थे जिसमें आंग सान सू ची की पार्टी को जीत मिली थी। लेकिन सेना ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए एक फरवरी को सत्ता पर कब्जा कर लिया। सोमवार को हड़़ताल और उससे पहले हुई हिंसा को लेकर विदेशी नेताओं और अंतरराष्ट्रीय मंच पर चिंता बनी हुई है। अमेरिका और कई पश्चिमी देशों की सरकारों ने म्यांमार की जुंटा सरकार से हिंसा से बचने‚ हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़़ने और सू ची सरकार को बहाल करने को कहा है।